शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2016

यस टॉयलेट....

सरकारी स्कूल में पड़ते बच्चे

                सरकारी स्कूल भी अब निजी स्कूलों के कदम से कदम मिलाकर चलते हुए दिखाई पड़ते हैं.आप ने सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों को पड़ते हुए देखा होगा.और ये भी देखा होगा कि सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों की पढाई का स्तर क्या है? चलिए ये अलग विषय है हम बात कर रहे हैं केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे सुवच्छता अभियान की.मध्य प्रदेश के लगभग सभी सरकारी स्कूलों में सरकार ने शौचालय बनवा दिए हैं.सरकार की मनशा भी साफ है कि जनता में टॉयलेट का प्रयोग करने की आदत विकसित की जाये.सरकार इसके लिए अपने तरीके से प्रयास भी कर रही है.
 टॉयलेट की जानकारी एकत्रित 
           मध्य प्रदेश में राज्य सरकार स्कूली बच्चों से उनके घर में टॉयलेट है या नही की जानकारी एकत्रित कर रही है,साथ ही स्कूल के शिक्षक से भी यही जानकारी ली जा रही है.सम्भवतः जिनके यहां शौचालय नही होगा वहां शौचालय बनवाने हेतु जागरूक किया जायेगा.
यस टॉयलेट 
                   आप ने स्कूलों में बच्चों को यस टीचर ,यस सर,यस मेम आदि शब्द बोलकर हाज़री  बोलते हुए सुना होगा,अब खबर यह है कि,सरकारी स्कूलों के बच्चे "यस टॉयलेट" और नो टॉयलेट कहते हुए सुनाई देंगे.ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि,सरकार सुवच्छता को बढ़ावा देने के लिए बच्चों के हाज़री बोलने के तरीके में बदलाव कर सकती है.अब जल्द ही बच्चे राज्य के कुछ ज़िलों में सम्भवता यस टीचर के स्थान पर यस टॉयलेट या नो टॉयलेट  के रूप में स्कूलों में अपनी हाज़री बोलेंगे.सरकार सुवच्छता अभियान के तहत चाहती है कि,प्रत्येक घर में टॉयलेट बने और उसका प्रयोग भी किया जाये.अब देखना यह है कि,सरकार की इस नीति के परिणाम क्या निकलते हैं

डी.एड की मांग

                          मध्य प्रदेश में पिछले कुछ सालों से डी.एड की मांग कुछ ज़्यादा ही बड़ गई है.जब से शिक्षा का अधिकार क़ानून लागू हुआ है तब से व्यवसायिक प्रशिक्षण की अहमियत लोगों के समझ में आने लगी है एक ज़माना था जब ज़िला प्रशिक्षण संस्थानों में डी.एड करने वाले आवेदकों की कमी होती थी और निर्धारित सीटें भी बड़ी मुश्किल से भर पाती थी.
 डी.एड की मांग क्यों बड़ी? 
               मध्य प्रदेश में संविदा शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-2 एवं 3 में डी.एड की अनिवार्यता के कारण भी इस डिप्लोमा की मांग बड़ गई है.आवेदक हज़ारों रुपये खर्च करके डी.एड की डिग्री प्राप्त कर रहे हैं.बड़ी मशक्कत के बाद डी.एड में प्रवेश मिल पाता है.पर इस बात का भी विश्वास होता है कि पात्रता परीक्षा में अच्छे अंक लाकर संविदा शिक्षक की नोकरी तो मिल ही जायगी.ये बात अलग है कि पिछली पात्रता परीक्षा में डी.एड की डिग्री वाले कई आवेदकों को नोकरी आज तक नही मिली

सहायक शिक्षकों के प्रमोशन में रोड़ा.....

                           

             सालों बाद मध्य प्रदेश सरकार सहायक शिक्षकों का प्रमोशन करने जा रही है.उल्लेखनीय बात यह है कि,राज्य सरकार ने लम्बे समय से सहायक शिक्षकों को प्रमोशन नही दिया है.इनमें से कई तो प्रमोशन की आस में अपनी पूरी सर्विस कर के घर बेठे हुए है.सहायक शिक्षकों के प्रमोशन की मांग बहुत वर्षों से की जा रही थी किन्तु इस और किसी का ध्यान नही था.यहां ये भी बताना ज़रूरी है कि,मध्य प्रदेश में अब इस पद नाम से नवीन कोई भर्ती नही होती है.सालों पहले सहायक शिक्षकों का अंतिम बेच स्कूलों में आया था.उसके बाद मध्य प्रदेश में अनेक नामों से शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्तियां की,किन्तु उन्हें शिक्षा विभाग का कर्मचारी नही माना.
दिक़्क़त क्या है.?
                         अब खबर ये है कि,राज्य सरकार जल्द ही सहायक शिक्षकों को प्रमोशन देकर शिक्षक बनाने वाली है इसका विरोध अध्यापकों द्वारा सीधे तोर पर तो नही किया जा रहा है किन्तु अध्यापकों का ये मानना है कि सहायक शिक्षकों के प्रमोशन के पद तो सरकार ने मृत घोषित कर रखे हैं,अब अगर सहायक शिक्षकों को प्रमोशन दिया गया तो उससे अध्यापकों का हक़ मारा जायेगा





तर्क क्या है........
          अध्यापकों का तर्क ये है कि अधायपकों के पदों पर पहले अध्यापकों को प्रमोशन दिया जाये.अध्यापक नेताओं का तो यहाँ तक कहना है कि सरकार अध्यापकों के साथ दोहरी नीति अपना रही है न तो अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन किया जा रहा है और न ही अध्यापकों को छठवां वेतन मान दिया जा रहा है.खेर बात हो रही थी सहायक शिक्षकों के प्रमोशन की,अब देखते हैं शासन सहायक शिक्षकों के चेहरों पर मुस्कान कब बिखेरती है.

वहीं सहायक शिक्षकों को लग रहा होगा कि अध्यापक उनके प्रमोशन में रोड़ा बने हुए हैं.सरकार के संकेतों से तो लग रहा है कि इस बार सहायक शिक्षकों के प्रमोशन में सरकार कोई अड़चन नही आने देगी.

गुरुवार, 13 अक्टूबर 2016

अवकाश का आनन्द...

                         लम्बी छुट्टी के बाद आज से स्कूल खुलेंगे.अवकाश का आनन्द लेने के बाद आज से बच्चे भी स्कूलों में लौटेंगे.सही मायनों में बच्चों से ही स्कूलों में रौनक होती है.आज से बच्चों की पढ़ाई प्रारम्भ होगी.दशहरे का पर्व मनाने के पश्चात दीपावली के पर्व की चर्चाएं होने लगती है.वास्तव में सभी कों इस पर्व का इंतेज़ार रहता है.
अक्टूबर का वेतन अक्टूबर में



इधर मिशन में जनशिक्षक अवकाश के दिनों में भी व्यस्त रहे.कुछ शाला प्रभारी साइकिल की ऑनलाइन एंट्री कराते हुए दिखाई दिए,तो कुछ अन्य काम करते हुए नज़र आये.जनशिक्षकों को कल ही मेसेज मिल गया था कि,आज बेस लाइन सर्वे की जानकारी फीड कराएं.

बुधवार, 12 अक्टूबर 2016

अक्टूबर का वेतन अक्टूबर में

      त्यौहारी सीज़न में कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है.मध्य प्रदेश सरकार ने त्यौहारों को देखते हुए अक्टूबर माह का वेतन अक्टूबर में ही देंने का निर्णय लिया है.सरकार के इस क़दम की कर्मचारी वर्गों द्वारा प्रशंसा की जा रही है.दशहरे के पर्व के बाद एक और महत्वपूर्ण पर्व दीपावली नज़दीक है,इसको देखते हुए शासन ने ये निर्णय लिया है कि,अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में कर्मचारियों को वेतन दे दिया जायेगा.सरकार के इस निर्णय की प्रशंसा अध्यापक भी कर रहे हैं.अध्यापकों का कहना है कि,सरकार और कर्मचारियों के अच्छे ताल मेल से ही अच्छा शासन किया जा सकता है.अध्यापकों का कहना है कि,प्रदेश के मुखिया को अध्यापकों के हितों का ध्यान रखते हुए,दीपावली पर अध्यापकों को छठवें वेतन मान की सौगात भी दे ही दें.गौरतलब बात यह है कि अध्यापक लम्बे समय से शिक्षा विभाग में संविलियन और छठवां वेतन मान दिए जाने की मांग कर रहे हैं.शासन को भी अध्यापकों की इस मांग पर विचार कर के जल्द निर्णय लेना चाहिए.जिससे अध्यापक चिंता मुक्त होकर तनाव रहित वातावरण में प्रदेश के नोनिहालों को शिक्षा दे सकें.जिससे प्रदेश का शेक्षणिक स्तर प्रगति करे.और सम्पूर्ण देश में प्रदेश अपना एक अलग मुक़ाम बनाये।

मंगलवार, 11 अक्टूबर 2016

suvachhta.com : बुराई पर अच्छाई की जीत....

suvachhta.com : बुराई पर अच्छाई की जीत....

बुराई पर अच्छाई की जीत....

                दशहरे का दिन बड़ी प्रसन्नता का दिन होता है।लोगों द्वारा बधाइयों और शुभकामनाओं का आदान प्रदान किया जाता है.इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है.एक बात हमारे देश में बहुत खास है और वह यह है कि,त्यौहार कोई भी हो,उसे बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है.वेसे भी हमारे देश को अगर त्यौहारों का देश कहें तो,गलत नही होगा.अनेकता में एकता वाले इस देश की आत्मा त्यौहारों में ही बस्ती है.इतने धर्म,ज़ाति,सम्प्रदाय और रहन-सहन और खान-पान में अंतर होते हुए भी,यह देश एकता के सूत्र में बंधा हुआ है.इसका एक कारण आपसी भाई चारा और मिल जुल कर तीज- त्यौहार मनाना भी है.आज हम बात कर रहे थे,दशहरे के पर्व की.दशहरा प्रत्येक वर्ष आता है,और इस पर्व के दिन हम ये ठान लेते हैं कि,अपने अंदर की बुराइयों को समाप्त कर के अच्छाइयों की और आगे बढ़ेंगे.वास्तव में यह त्यौहार भी हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का महत्व समझाता है,और हमें इसके महत्व को समझना भी चाहिये।इस लेख के माध्यम से सभी साथियों,मित्रों,सहयोगियों,सहपाठियों और देश वासियों को दशहरे के पर्व  की शुभकामनाएं.

सोमवार, 10 अक्टूबर 2016

तेवर ज़रा सख़्त हो गए हैं.....

                      अध्यापक उस गढ़ना पत्रक का इंतेज़ार कर रहे हैं जिसका कहीं अता पता नही है.अध्यापक नेताओं द्वारा भी सोशल साईट पर इस प्रकार की खबरें प्रचारित एवं प्रसारित की जा रही हैं कि,उस तिथि एवं समय की वेतन पत्रक जारी हो जायेगा,और जब तिथि और समय निकल जाता है तो,अध्यापक निराश हो जाते हैं.कहने का प्रयास ये है कि,जब वास्तविक रूप से कोई काम हो जाये तब ही उसका प्रचार प्रसार किया जाये.आज कल तो समाचार पत्रों में भी अध्यापकों की मांगों से सम्बंधित खबरें पढ़ने को नही मिल रही हैं.इस सम्बन्ध में सरकार का पक्ष भी सामने नही आ रहा है.सरकार का पक्ष भी सामने आना चाहिए.प्रदेश के मुखिया को दीपावली के पर्व को को ध्यान में रखते हुए,अध्यापकों को छटवें वेतनमान की सौगात दे ही देना चाहिए.जिससे इस दीपावली पर अध्यापकों के घर भी रोशन हो सकें.कुछ अध्यापक तो twitter पर बहुत आक्रामक दिखाई दे रहे हैं.छठवां वेतन नही मिलने से उनके विचार और तेवर ज़रा सख्त हो गए हैं.अब सरकार को अध्यापकों के हितों की रक्षा करते हुए शीघ्र अध्यापक हित में निर्णय लेना चाहिए।

रविवार, 9 अक्टूबर 2016

स्कूल वापसी....


         विदिशा ज़िले में काउंसलिंग उपरांत नवीन जनशिक्षक आदेश का इंतेज़ार कर रहे हैं वहीं वर्तमान में कार्यरत जनशिक्षक इस इंतेज़ार में बेठे हैं कि,शासन उनकी भी काउंसलिंग कर के उन्हें उनकी इच्छानुसार शाला में भेज दे।किन्तु आज कल चर्चा का विषय ये है कि,विदिशा ज़िले में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अमले को उनकी मूल पदस्थ शाला में ही भेजा जायेगा।इस प्रकार की चर्चाओं से वर्तमान में कार्यरत अमला दुखी है,उनका कहना है कि,अन्य स्थानों की भाँति विदिशा ज़िले में भी वर्तमान कार्यरत अमले की भी काउंसलिंग करायी जाना चाहिए।खबर ये भी है कि,रायसेन ज़िले सहित अन्य जगहों पर ये सब कार्य समय रहते कर लिए गए हैं।किन्तु विदिशा ज़िले में ये काम क्यों पिछड़ रहा है।ये बात भी लोगों के समझ में नही आ रही है।ऐसे समाचार भी हैं कि,अन्य स्थानों पर मिशन में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अमले को उनकी इच्छानुसार शालाएं आवंटित की गई हैं।इसलिए विदिशा ज़िले के अध्यापक भी चाह रहे हैं कि,उनकी स्कूल वापसी उनकी इच्छानुसार ही हो।खेर जो भी हो ज़िले के अधिकारियों से अध्यापक ये ही उम्मीद लगाये हुए हैं कि,वर्तमान प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अमले की काउंसलिंग करवा कर ही स्कूल वापिस भेजा जाये।

गुरुवार, 6 अक्टूबर 2016

स्कूल की छत का मुआयना....

स्कूल छत का मुआयना
स्कूल छत

               सर्व शिक्षा अभियान के अंतगर्त शासन ने अनेकों सरकारी स्कूलों के भवन बना दिए हैं।जिन ग्रामों में एक ज़माने में पेड़ के नीचे बच्चों को मास्टर जी पड़ाया करते थे।अब वहां स्कूल भवन बन गए हैं।सरकार ने शिक्षा विभाग में बहुत निर्माण कार्य कराये हैं।बहुत काम हो गया है।चिंता का विषय ये है कि इन निर्माण कार्यों की समय रहते मॉनिटरिंग नही हो पाती है।लोगों की शिकायत है कि,कुछ स्कूल ऐसे बने हैं जो बारिश में टपकते हैं।ऐसे स्कूलों की छतों से पानी टपकता है।जिससे बच्चों को परेशानी होती है।चित्र में जनशिक्षक और इंजीनियर ऐसी ही एक सरकारी स्कूल की छत का मुआयना करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

ए मेरे वतन के लोगों....

https://youtu.be/UZMAql8tbYA

बुधवार, 5 अक्टूबर 2016

नवीन जनशिक्षक चलाएंगे मिशन....

                   विगत दिवस ज़िला मुख्यालय पर नवीन जनशिक्षकों और विकासखण्ड अकादमिक समन्वयक के पदों पर ज़िला स्तर पर काउन्सलिंग आयोजित की गई।लगभग 18 जनशिक्षकों के पदों पर अध्यापकों ने अपनी सहमती दी।एक वर्ष पूर्व से चली आरही ये प्रतिनियुक्ति की प्रकिर्या अब जाकर अमल में आई है।अभी भी प्रतिनियुक्ति आदेश का इंतेज़ार सम्बंधितों दुआरा किया जा रहा है।वहीं वर्तमान में कार्यरत जनशिक्षक बी.ए.सी अपनी काउन्सलिंग का इंतेज़ार कर रहे हैं।शिक्षा विभाग में मिशन में कोई स्थाई पद नही होते हैं प्रतिनियुक्ति से काम चलाया जा रहा है।अब नवीन जनशिक्षक और बी ए सी मिशन चलाएंगे।अभी आदेश आना बाकी है किन्तु फिर भी नवीन प्रतिनियुक्ति पर आने वाले अध्यापकों को बधाई दी जा रही है।सम्बंधितों के उत्साह को देख कर अंदाज़ा लगाया जा रहा कि,मिशन अब भी उसी उत्साह और लगन से काम करेगा,जैसा कि वर्तमान में करता आ रहा है।

मंगलवार, 4 अक्टूबर 2016

ज़िला पंचायत सी.ई.ओ. को ज्ञापन.....


           आज विदिशा ज़िले के अध्यापकों ने ज़िला पंचायत सी.ई.ओ. को ज्ञापन दिया।अध्यापकों ने अपने वेतन में चौथी किश्त जोड़ने सम्बन्धी आदेश जारी करने की मांग की।साथ ही नवीन संविदा शिक्षक जिनकी परिवीक्षा अवधि पूर्ण हो गई है,उनका अध्यापक संवर्ग में संविलियन शीघ्र करने की भी मांग की।


               आज कल चर्चा का विषय बना हुआ है कि अध्यापक संघठन आज कल अध्यापकों के हितों से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं जिसकी सराहना अध्यापक जगत में हो रही है।पूर्व में इन संघठनों पर ये आरोप लगते थे कि,अध्यापक संघठन धरने,प्रदर्शन,आंदोलन तक ही सीमित हैं,उन्हें अध्यापकों की समस्याओं से कोई लेना देना नही है।पर अब ऐसा लगता है कि अध्यापक अब एक्टिव दिखाई दे रहे हैं।अपनी सक्रियता से अध्यापकों के संघठन अपने होने की,और अध्यापक हितों की रक्षा करते हुए भी दिखाई पड़ते है।खैर बात जो भी हो आज दिया गया ज्ञापन वर्तमान मुद्दों में से एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।अध्यापकों की, की गई ये सार्थक पहल निश्चित रूप से रंग लाएगी।

सन्तान पालन अवकाश.....

सन्तान पालन अवकाश के सम्बन्ध में ज्ञापन देते अध्यापक

            मध्य प्रदेश की महिला अध्यापकों को शायद महिला अध्यापक नही माना जाता है यहां अध्यापक पद पर कार्यरत महिला अध्यापकों के साथ एक आदेश के परिपेक्ष्य में यह बातें कही जा रही है।बात यह है कि मध्य प्रदेश सरकार ने विगत दिनों महिला कर्मचारियों के हित में एतेहासिक निर्णय लेते हुए,महिला कर्मचारियों को "चाइल्ड केयर लीव" की सौगात दी थी।ये चाइल्ड केयर लीव महिला कर्मचारी अपनी सन्तान के 18 वर्ष तक होने तक कभी भी ले सकती हैं।चाइल्ड केयर लीव दो वर्ष सवैतनिक ली जा सकती है।सरकार का यह आदेश महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा लाभ दायक है।आदेश आते ही मध्य प्रदेश सरकार की हर तरफ से प्रशंसा हो रही है।मध्य प्रदेश सरकार को महिलाओं की प्रशंसा भी मिल रही है।


सन्तान पालन अवकाश के सम्बन्ध में ज्ञापन देते अध्यापक

          सरकार के सन्तान पालन अवकाश से सब से ज़्यादा प्रसन्नता महिला अध्यापकों ने व्यक्त की।मध्य प्रदेश में महिलाओं को नोकरी में आरक्षण सहित अन्य सुविधाएं पूर्व से ही इस सरकार ने दे रखी है।सन्तान पालन अवकाश से तो यहां की महिला अध्यापक मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करते नही थकती थीं।विवाद की स्तिथि तब बनी जब कुछ महिला अध्यापकों ने सन्तान पालन अवकाश के लिए आवेदन किया,और उनका अवकाश भी स्वीकृत नही हुआ।और राज्य सरकार के उस आदेश से तो महिला अध्यापकों को और ज़्यादा निराशा हुई।जिसमें लिखा गया कि,सन्तान पालन अवकाश की पात्रता महिला अध्यापकों को नही है।अब महिला अध्यापकों को छोड़ कर अन्य शासकीय महिला कर्मचारियों को मध्य प्रदेश में सन्तान पालन अवकाश लेने की पात्रता है।महिला अध्यापक अपने साथ इस प्रकार हुए भेद भाव से दुखी हैं।इसी परिपेक्ष्य में सिरोंज के जागरूक अध्यापकों ने महिला आयोग की अध्यक्ष को इस सम्बन्ध में ज्ञापन दिया।सरकार से आशा और अपेक्षा है कि,मध्य प्रदेश में महिला अध्यापकों को भी सन्तान पालन अवकाश की पात्रता दी जाये।और महिला अध्यापकों की इस महत्वपूर्ण मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार करके सरकार महिला अध्यापकों के हित में जल्द निर्णय ले।

सोमवार, 3 अक्टूबर 2016

साफ-सफाई की बाड़......


           मध्य प्रदेश में इन दिनों ऐसा लगता है कि,साफ सफाई की बाड़ आगई हो।अवसर है सुवच्छता पखवाड़े का।गांधी जयंती 2 अक्टूबर से प्रारम्भ ये सुवच्छता पखवाड़ा 15 अक्टूबर तक चलेगा।सरकारी भवनों,स्कूलों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।



               मध्य प्रदेश में चल रहे इस सुवच्छता पखवाड़े की अच्छी बात ये है कि,यहां सांकेतिक साफ-सफाई नही हो रही है,बल्कि वास्तविक रूप से सुवच्छता का वातावरण निर्मित किया जा रहा है।जनशिक्षक कैलाश कुमार कुशवाह जी जान से साफ-सफाई में जुटे हुए चित्र में दिखाई दे रहे हैं।अपवाद की स्तिथि को छोड़ दें तो,मध्य प्रदेश में लोगों को सुवच्छता का महत्व समझाया गाया है।लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।वास्तव में यदि सुवच्छता को दैनिक जीवन का हिस्सा बना लिया जाये तो,निश्चित रूप से सुवस्थय एवं सुवच्छ भारत का निर्माण होगा।

स्कूलों का निरीक्षण.....


                 विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक निखलेश कुमार श्रीवास्तव ने आज अनेक सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया।सम्बंधित स्कूलों को शाला संचालन हेतु आवशयक निर्देश दिए।सरकारी स्कूलों में इन दिनों सुवच्छता पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है।जिसमें इन दिनों सरकारी स्कूलों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

रविवार, 2 अक्टूबर 2016

Pandit vishnu shastri ji

https://youtu.be/8ZkHhW5b-CU

Education

https://youtu.be/QxiuMF03H_w

गांधी जयन्ती और सुवच्छता.....


                    आज गाँधी जयंति का दिन मध्य प्रदेश में विशेष दिन के रूप में आयोजित हो रहा है।आज प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभा का आयोजन किया गया।जिसमें जन समुदाय को भी सम्मिलित किया गया।



                 गांधी जयंती के उपलक्ष्य में प्रदेश भर में सुवच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है।आज भी अनेक जगह साफ-सफ़ाई करते हुए लोग दिखाई दिए।ग्राम सभाओं में जनशिक्षक और सरकारी शिक्षकों ने भी अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई।साथ ही आज से सुवच्छता अभियान की भी शरुआत की गई।सोचने समझने वाली बात यह है कि,विशेष अफसरों पर किया जाने वाले सुवच्छता कार्यक्रम को अगर हम हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बना लें तो,निश्चित रूप से ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगें।और सुवच्छ भारत और सुवस्थय भारत की कल्पना भी साकार होगी।और देश भर में सुवच्छता के लिए किये जाने वाले प्रयास भी सफल होंगे।

शनिवार, 1 अक्टूबर 2016

ग्राम सभाएँ आयोजित होंगी.....

 
                मध्य प्रदेश में सुवच्छता की तरफ कुछ अधिक ही ध्यान दिया जा रहा है। 2 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक सुवच्छता पखवाड़ा मनाये जाने की योजना है।इस सम्बन्ध में राज्य सरकार ने आदेश भी जारी कर दिए हैं।विकासखण्ड स्तर पर भी सुवच्छता अभियान के सफल आयोजन की पूरी तैयारी की गई है।सम्बंधितों की ड्यूटी लगाई गई है।नोडल अधिकारी बनाये गए है।ग्राम सभाएं आयोजित की जाना है।जिसके माध्यम से शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी आम जनता को दी जायेगी।इस पखवाड़े में सरकारी स्कूलों पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की योजना है।स्कूलों की साफ सफाई पेंटिंग आदि किये जाने के निर्देश हैं।छात्र,छात्राओं को निबन्ध,रंगोली आदि प्रतियोगिताओं के माध्यम से सुवच्छता का महत्व समझाया जायेगा।ग्रामों की भी सुवच्छता पर ध्यान केंद्रित किये जाने की योजना है।वास्तव मे सरकार का ये अच्छा प्रयास है।पर देखने वाली बात ये है कि,इस सुवच्छता पखवाड़े में ज़मीनी स्तर पर शासन की मनशा अनुसार कार्य हो पाते हैं अथवा नही? सुवच्छता पखवाड़े को लेकर आम-जन में तो उत्साह है,अब ये उत्साह ही शायद लोगों को सुवच्छ रहने और सुवच्छ ग्राम की कल्पना को साकार करने के काम आएगा।गौरतलब बात ये है कि,पिछले कुछ समय से हमारे देश में सुवच्छता को बहुत अधिक महत्व दिया जाने लगा है।सुवच्छता का ये महत्व ही लोगों को सुवच्छ रहने के लिए प्रेरित कर रहा है।देश के विकास के लिए,यह महत्वपूर्ण भी है।