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शनिवार, 10 सितंबर 2016

ज़रूरत वही है

ज़रूरत वही है
                आज़ादी के सालों बाद भी आज आम आदमी की ज़रूरत वही के वही है।रोटी कपड़ा और मकान ।जब रोटी कपड़ा और मकान की बात करते हैं तो ऐसा लगता है साठ के दशक की बात कर रहे हैं।आज भी आम आदमी अपनी मूलभूत ज़रूरतों के लिए संघघर्ष करता हुआ हर किसी को दिखाई देगा।आम आदमी राजनीति का अखाड़ा ज़रूर बनता दिखाई देता है।अब तो इस नाम की राजनेतिक दल भी बन गए हैं।पर ज़रूरत वही है जो पहले थी।देखते हैं आने वाला समय में भी क्या ज़रूरत वही रहेगी या उसमें कुछ बदलाव होता है?अगर आपको लगता है कि वास्तव में अब आम आदमी की ज़रूरत बदल गई है तो ज़रूर बतआएं।