सन्तान पालन अवकाश लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
सन्तान पालन अवकाश लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 4 अक्तूबर 2016

सन्तान पालन अवकाश.....

सन्तान पालन अवकाश के सम्बन्ध में ज्ञापन देते अध्यापक

            मध्य प्रदेश की महिला अध्यापकों को शायद महिला अध्यापक नही माना जाता है यहां अध्यापक पद पर कार्यरत महिला अध्यापकों के साथ एक आदेश के परिपेक्ष्य में यह बातें कही जा रही है।बात यह है कि मध्य प्रदेश सरकार ने विगत दिनों महिला कर्मचारियों के हित में एतेहासिक निर्णय लेते हुए,महिला कर्मचारियों को "चाइल्ड केयर लीव" की सौगात दी थी।ये चाइल्ड केयर लीव महिला कर्मचारी अपनी सन्तान के 18 वर्ष तक होने तक कभी भी ले सकती हैं।चाइल्ड केयर लीव दो वर्ष सवैतनिक ली जा सकती है।सरकार का यह आदेश महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा लाभ दायक है।आदेश आते ही मध्य प्रदेश सरकार की हर तरफ से प्रशंसा हो रही है।मध्य प्रदेश सरकार को महिलाओं की प्रशंसा भी मिल रही है।


सन्तान पालन अवकाश के सम्बन्ध में ज्ञापन देते अध्यापक

          सरकार के सन्तान पालन अवकाश से सब से ज़्यादा प्रसन्नता महिला अध्यापकों ने व्यक्त की।मध्य प्रदेश में महिलाओं को नोकरी में आरक्षण सहित अन्य सुविधाएं पूर्व से ही इस सरकार ने दे रखी है।सन्तान पालन अवकाश से तो यहां की महिला अध्यापक मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करते नही थकती थीं।विवाद की स्तिथि तब बनी जब कुछ महिला अध्यापकों ने सन्तान पालन अवकाश के लिए आवेदन किया,और उनका अवकाश भी स्वीकृत नही हुआ।और राज्य सरकार के उस आदेश से तो महिला अध्यापकों को और ज़्यादा निराशा हुई।जिसमें लिखा गया कि,सन्तान पालन अवकाश की पात्रता महिला अध्यापकों को नही है।अब महिला अध्यापकों को छोड़ कर अन्य शासकीय महिला कर्मचारियों को मध्य प्रदेश में सन्तान पालन अवकाश लेने की पात्रता है।महिला अध्यापक अपने साथ इस प्रकार हुए भेद भाव से दुखी हैं।इसी परिपेक्ष्य में सिरोंज के जागरूक अध्यापकों ने महिला आयोग की अध्यक्ष को इस सम्बन्ध में ज्ञापन दिया।सरकार से आशा और अपेक्षा है कि,मध्य प्रदेश में महिला अध्यापकों को भी सन्तान पालन अवकाश की पात्रता दी जाये।और महिला अध्यापकों की इस महत्वपूर्ण मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार करके सरकार महिला अध्यापकों के हित में जल्द निर्णय ले।