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सोमवार, 19 सितंबर 2016

ये डेंगू का जादू है.....


                 ये डेंगू का जादू है सर चड़ कर के बोलेगा।डेंगू जेसी बीमारी से बचने के जतन करने के बजाय लोग उसको हल्के में ले रहे हैं।यह हंसी मज़ाक का मुद्दा बन गया है।कॉमेडी शो में डेंगू का खूब मज़ाक बन रहा है।प्रतिभावान कला कार चित्र अनुसार चित्र बना कर लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम कर रहे हैं।पर डेंगू को घमभीरता से नही लिया गया तो यह चेहरे की मुस्कान को चेहरे से हमेशा के लिए समाप्त कर सकता है।वास्तव में डेंगू से बचाव के उपाय किये जा कर अपने और अपने परिवार के साथ ही अपने आस पास के लोगों को भी सुरक्षित किये जाने की ज़रूरत है।डेंगू का मज़ाक बनाने के बजाय उसे घमभीरता से लिया जाना चाहिए।

शनिवार, 17 सितंबर 2016

डेंगू से दो दो हाथ ....


                 डेंगू का डंक शीर्षक से इस विषय पर लिखा जा चुका है।उसके पश्चात भी देखने में आया है कि,ये बीमारी कम होने के बजाय लगातार बड़ रही है।लोग इस बीमारी से त्रस्त हो चुके हैं लक्षण भी आम खांसी,बुखार,जुखाम से मिलते जुलते हैं।इसलिए प्रारम्भ में इस रोग को पहचानना मुश्किल होता है।बात तब पता चल पाती है तब जान पर बन आती है।कुछ लोगों की डेंगू से मौत होने की खबर है।सम्बंधित विभाग क्या कर रहा है।किसी को पता नही।डेंगू एक भयानक बीमारी है जिस का हल ये है कि,सुरक्षा ही उपाय है।इसलिए ज़रूरी है चित्र अनुसार डेंगू से बचाव के उपाय किये जाने की ज़रूरत है।इस रोग से सतर्क रहैं।सुरक्षित रहैं।डेंगू से दो दो हाथ करने की ज़रूरत है।और इस से सुरक्षित रहने की भी ज़रूरत है।

मंगलवार, 13 सितंबर 2016

डेंगू का डंक....

डेगूं का डंक
             इन दिनों मच्छरों का अत्याचार कुछ ज़्यादा ही रहता है।विभिन्न प्रकार की बीमारियों का जन्म हो गया है।अभी कुछ सालों से डेंगू का मर्ज़ भी जान जोखिम में डालता नज़र आ रहा है।डेंगू भी एक ऐसी बीमारी है जो मच्छर के काटने से होती है इसके मच्छर दिन में ही काटते हैं।डेंगू से सुरक्षा के उपाय नही किये गए तो ये भी एक जान लेवा बीमारी है।इस वर्ष भोपाल में 75 मरीज़ डेंगू के मिले हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में बहुत अधिक है प्रदेश  की राजधानी भोपाल में डेंगू के लार्वा तलाशने और उसे नष्ट करने के लिए विभिन्न टीमें बनाई गई हैं।पर कितनी टीमें काम कर रही हैं।उसकी ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और है।यहां ये सब चर्चा करने का उद्देश्य ये है कि जब सम्बंधित विभाग राजधानी में ही अपनी ज़िम्मेदारी नही निभा पा रहा है तो।दूर दराज़ ग्रामीण क्षेत्रों की स्तिथि क्या होगी आप अन्दाज़ा लगा सकते हैं।कई लोग डेंगू का डंक सह नही पाते और उन्हैं समय पर उपचार भी नही मिल पाता है।और चले जाते हैं ये दुनिया छोड़ कर,सरकार इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाती है।सब के अपने प्रयास हैं फिर भी कइ लोग डेंगू के डंक का शिकार हो जाते हैं।डेंगू से बचने के लिए ज़रूरी है कि,साफ सफाई रखी जाये,पानी को खुला न छोड़े इत्यादि।वास्तव में सुरक्षा ही उपाय है।मर्ज़ कोई भी हो।