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गुरुवार, 20 अक्तूबर 2016

छठवाँ वेतनमान मिल ही गया....

अध्यापकों को लम्बे समय के संघर्ष के  बाद आखिर कार छठवां वेतन मान मिल ही गया,राज्य सरकार ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं,अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह तक ये वेतन अध्यापकों के खातों की रौनक बढ़ाएगा.अभी कुछ ही दिन पहले की बात है जब गढ़ना पत्रक जारी नही हुआ था तो अध्यापक बेचैन थे.शहडोल जाने की बात कर रहे थे,ये बात अलग है कि,कुछ अध्यापक शहडोल गए भी थे.अध्यापकों को छठवाँ वेतनमान  नही मिलने से अध्यापक भी आक्रामक दिखाई दे रहे थे,और अपनी पूरी भड़ास सोशल साईट पर निकाल रहे थे.हालांकि वर्तमान जारी गढ़ना पत्र में भी कुछ सीनियर अध्यापक कमियां बता रहे हैं,किन्तु आम अध्यापक अभी कुछ सुनने को तैयार नही हैं,उनका कहना है कि,पहले जारी घोषणा पत्रक अनुसार ही वेतन लेंगें,और बाद में विसंगतियों पर चर्चा करेंगे.आज कल बाबू लोगों की बड़ी माथा पच्ची चल रही है,नवीन गढ़ना पत्रक को समझने में,वह भी एक दूसरे से परामर्श कर रहे हैं,उनकी सोच भी ठीक है,कहीं कोई गलती न हो,इसलिए परामर्श भी ज़रूरी है.
  • सातवें वेतनमान की मांग भी अभी से
  •             अभी छठवां वेतनमान अध्यापकों के खातों तक पुहचने में कुछ दिन का समय है और अध्यापकों के हाथों में अभी छठवें वेतनमान की राशि भी नही आई है,और सातवें वेतनमान की मांग भी उठने लगी है,twitter पर कुछ अध्यापकों के तेवर अभी भी नरम होते दिखाई नही दे रहे है,उनका कहना है कि,अध्यापकों को सातवाँ वेतनमान भी राज्य के अन्य कर्मचारियों के साथ ही दिया जाये.
  • प्रदेश के मुखिया की प्रशंसा भी हो रही है.
  •                       अध्यापक संघटनों और अध्यापक नेताओं में छठवाँ वेतनमान अध्यापकों को दिए जाने का श्रेय लेने की भी होड़ लगी हुई है.वहीं आम अध्यापक प्रदेश के मुखिया की प्रशंसा करते नही थक रहा है,वास्तव में अध्यापकों की प्रशंसा जायज़ भी है,आखिरकार प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अध्यापकों की बरसों पुरानी मांग जो पूरी कर दी है.अध्यापक ये भी मान कर चल रहे हैं। कि,प्रदेश के मुखिया ने दीपावली के तोहफे के रूप में छटवें वेतनमान की सौगात अध्यापकों को दी है.