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बुधवार, 19 अक्तूबर 2016

समय रहते बच्चों तक साइकिल पुहचें

साइकिल

                  मध्य प्रदेश में स्कूली छात्र एवं छात्राओं को इस वर्ष सीधे साइकलें वितरित की जा रही हैं.इससे पूर्व साइकिलों की राशि सम्बंधितों के खातों में जमा की जाती थी,किन्तु इस प्रकार की शिकायतें सामने आ रही थीं कि,सम्बंधित उस राशि से साईकिल क्रय नही कर रहे हैं,देखने में भी यह आ रहा था बच्चे दूर दराज़ के क्षेत्रों से पैदल ही स्कूल जाते हुए दिखाई देते थे.इस वर्ष इस योजना में बदलाव किया गया है.अच्छी क्वालिटी की साइकिलें बच्चों को वितरित की जा रही हैं,स्थानीय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में निःशुल्क साइकिलों के पार्ट ट्रक द्वारा यहाँ आये हुए हैं.और यहाँ से साईकिल असेम्बिल्ड हो कर सम्बंधित बच्चों को वितरण हेतु भेजी जा रही है,यही देखने विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक निखलेश कुमार श्रीवास्तव और जनशिक्षक महेश साहू ,टोरी स्कूल पहुचे.उन्होंने पूरी प्रकिर्या का जायज़ा भी लिया,सम्बंधितों से चर्चा भी की गई.जिससे समय रहते साईकिल बच्चों को वितरित की जा सके.

सोमवार, 17 अक्तूबर 2016

फ्री साईकिल वितरण....

बच्चों को मिली साईकिल

           सरकारी स्कूलों में उन बच्चों को साईकिल सरकार द्वारा फ्री में दी जाती है जो अपने घरों से दूर स्थित मिडिल और हाईस्कूलों में पड़ने के लिए जाते हैं.शासन की भी मनशा है कि,बच्चे हर हाल में अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकें.और उनकी मिडिल से लेकर हायर सेकण्डरी तक की पढाई में कोई बाधा न आये,शासन की अनेक कल्याणकारी और छात्र हित वाली योजनाओं का लाभ बच्चों को मिल रहा है.इसी क्रम में कसबाताल जनशिक्षा केंद्र के जनशिक्षक ओमकार सिंह रघुवंशी चित्र में बच्चों को निशुल्क साइकिल वितरित करवाते हुए दिखाई दे रहे हैं.शासन ने साइकिल वितरण व्यवस्था में इसी साल से परिवर्तन किया है,जिसका लाभ अब बच्चों को सीधे तोर पर प्राप्त हो रहा है,मध्य प्रदेश सरकार की प्रशंसा भी की जा रही है.

शनिवार, 15 अक्तूबर 2016

निःशुल्क साइकिल वितरण

निःशुल्क साइकिल वितरण

         सरकार स्कूली बच्चों को अनेक प्रकार की लाभकरी योजनाओं से जोड़ रही है.जिसमें निःशुल्क गड़वेश,छात्रव्रत्ति आदि योजनाएं ऐसी हैं जिनका लाभ स्कूली बच्चों को मिल रहा है.पर देखने में यह आया है कि योजना के क्रियान्वयन के तरीके में बार बार बदलाव किये जाने से भी योजना एक मज़ाक बन कर रह जाती है.
गड़वेश,साइकिल दी जाती थी
               स्कूली बच्चों को प्रारम्भ में गड़वेश और साइकिल शाला प्रबन्धन समिति क्रय कर के देती थी.योजना भी सफल थी बच्चों को समय पर ड्रेस और साइकिल मिल जाती थी बच्चे भी समय पर मिल रही सुविधाओं से प्रसन्न थे.किन्तु इस व्यवस्था पर भी लोगों ने आपत्ति उठाई और शासन ने इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया.बच्चे साइकिल और गड़वेश से वंचित हो गए.
 वंचित क्यों हुए:-
                सरकार ने निर्णय लिया कि अब साइकिल और गड़वेश की राशि सीधे बच्चों के खातों में जमा की जायगी जिसका परिणाम ये हुआ कि गड़वेश साइकिल की राशि का दुरुपयोग होने लगा.पालक उस राशि का प्रयोग अपने निजी कार्यों में करने लगे,और बच्चे साइकिल,गड़वेश के लिए तरसते रहे.
आखिर कार सरकार तक भी ये बात गई.सरकार की तो साफ मनशा थी कि,सम्बंधित योजना का लाभ पात्र हितग्राही को मिल सके,किन्तु जब सरकार को भनक लगी कि,योजना के क्रियान्वयन में खामी है तो सरकार ने फिर बदलाव किया है.खास कर साइकिल के मामले में तो सरकार ने सकारात्मक कदम उठाते हुए निर्णय लिया के अब स्कूली बच्चों को साइकिल के लिए राशि नही दी जायगी,बल्कि साइकिल ही दी जायेगी.राज्य सरकार की इस नई व्यवस्था ने छात्र एवं छात्राओं के चेहरों पर मुस्कान ला दी है.अब हर पात्र स्कूली छात्रों को निशुल्क साइकिल वितरण का कार्य मध्य प्रदेश में हो रहा है.