गुलज़ार हुऐ नीरज
भोपाल में हिन्दी साहित्य के दो बड़े रचनाकारों का मिलन हुआ।जब जाने माने शायरऔर कवि गुलज़ार गीत ऋषि गोपालदास नीरज से मिले।गुलज़ार ने नीरज से आशीर्वाद लिया।फिर दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया।ये है हमारी तेहज़ीब और संस्कर्ति।गुलज़ार ने नीरज के पैर छुए और कहा कि आप मेरे सीनियर और उस्ताद हो,ये वोह लम्हा था जब गुलज़ार हुए नीरज
भोपाल में हिन्दी साहित्य के दो बड़े रचनाकारों का मिलन हुआ।जब जाने माने शायरऔर कवि गुलज़ार गीत ऋषि गोपालदास नीरज से मिले।गुलज़ार ने नीरज से आशीर्वाद लिया।फिर दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया।ये है हमारी तेहज़ीब और संस्कर्ति।गुलज़ार ने नीरज के पैर छुए और कहा कि आप मेरे सीनियर और उस्ताद हो,ये वोह लम्हा था जब गुलज़ार हुए नीरज