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शनिवार, 15 अक्तूबर 2016

गढ़ना पत्रक का सच क्या है?

गड़ना पत्रक का सच क्या है?
            आज जारी हुए सोशल मीडिया के गड़ना पत्रक पर अलग अलग टिप्पड़ियां और प्रति क्रियाएं देखने को मिल रही हैं.कुछ अध्यापक इस गढ़ना पत्रक के स्वागत में नतमस्तक हैं जबकि कुछ अनुभवी अध्यापक इसमें भी विसंगति बता कर शहडोल जाने की बात कर रहे हैं और कुछ को तो इस गढ़ना पत्रक के सही होने पर भी सन्देह है.सन्देह करने वालों का तर्क यह है कि,आज शनिवार को अवकाश के दिन गढ़ना पत्रक केसे जारी हो गया,कुछ अध्यापक और आगे की बात कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ये गढ़ना पत्रक एजुकेशन पोर्टल पर क्यों नही है.कुछ अध्यापक कह रहे हैं ये तो केवल,नगरीय निकाय में कार्यरत अधापकों के लिए है. अलग अलग अध्यापकों के अलग अलग तर्क और वितर्क हैं.पर सबसे निराली बात अध्यापक नेताओं की है उनमें अभी से श्रेय लेने की होड़ लग गई है.बात जो भी है आने वाले दिनों में ये तस्वीर भी साफ हो जायेगी कि,ये गढ़ना पत्रक असली है या सिर्फ भिरम फेलाया जा रहा है.रही बात गढ़ना पत्रक की विसंगति की तो,इसकी विसंगति भी साल दो साल में दूर हो ही जायेगी.जेसी सरकार की मनशा हो.अभी फिलहाल तो अध्यापकों को सरकारी तोर पर गढ़ना पत्रक जारी होने के सबूत चाहिए.फिर जा कर उस पर चिंता की जाने की ज़रूरत है कि,अब उसमें कितनी विसंगति है.अभी से हाय तोबा मचाने की और मिठाइयां बटवाने की ज़रूरत नही है.कुछ अध्यापक गढ़ना पत्रक का अध्ययन किये बगैर ही सोशल मीडिया पर ज़रूरत से ज़्यादा उत्साह दिखा भी रहे हैं,उनका उत्साह भी जायज़ है.......कब से इस गढ़ना पत्रक का इंतेज़ार हो रहा था.....अब आया है...या भिरम है या....हक़ीक़त है...समय ही बताएगा.....