बुधवार, 21 सितंबर 2016

रोटी को तरसे.....



                    रोटी के अपने जलवे और कहानी है।पुरानी कहावत है कि,व्यक्ति की मुलभूत ज़रूरत ही "रोटी कपड़ा और मकान" है।आज हम उस रोटी की बात कर रहे हैं जिस्से शायद हम सभी प्रतिदिन रूबरु होते हैं।यहां शायद शब्द इसलिए लिखा है कि,हमारे इतने बड़े देश में लोगो के खान पान और रहन सहन में अंतर है।अनेकता में एकता की हमारी जेसी मिसाल पूरी दुनिया में न तो कभी देखने को मिलती है और न ही सुनने को।इतनी विभीधताओं के बाद भी हमारी एकता और भाईचारा हमारी पहचान है।तो ज़ाहिर सी बात है बहुत सी जगह रोटी का चलन ही न हो।बात रोटी की कर रहे थे तो यहां ये भी बताता चलूँ ,ये जो रोटी है कोई मामूली चीज़ नही है।बहुत सों को कई कई दिन मयस्सर नही होती और बहुत से ऐसे भी हैं जो एक रोटी के लिए न जाने कितने जगह हाथ जोड़ते हैं।और बहुत से ऐसे हैं जिन्हें ईश्वर की कृपा से प्रतिदिन समय पर रोटी के दर्शन हो जाते हैं।वास्तव में देखा जाये तो व्यक्ति इस रोज़ी रोटी की जुगत में ही लगा रहता है।ये रोटी फिल्मी जगत में भी दखल रखती है कई फिल्मों ने इस रोटी के महत्व को अपनी फिल्म में खूब भुनाया है।कई फिल्मी हिट गीत भी रोटी का ज़िक्र करते हुए दिखाई देते हैं

                 बात अगर आम आदमी की की जाये तो रोटी उसके लिए तो एक जद्दोजहद है।उसका प्रयास ये ही रहता है कि वह अपने परिवार को कम से कम रोटी तो समय पर मुहैया करा ही दे।आज शायद आम आदमी रोटी के लिए उतना परेशान न रहता हो जितना पहले था।अब तो सरकार भी आम आदमी को समय से रोटी उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है।बहुत कम मूल्य पर राशन की दुकानों से गेहूं उपलब्ध कराया जा रहा है।और अति गरीब लोगों को तो मुफ़्त में ही दिया जाता है।खैर एक ज़माना था जब रोटी परिवार के लिए परिवार का मुखिया मुहैय्या नही करा पाता था तो उसकी स्तिथि का अंदाज़ा आप लगा सकते हैं।रोटी का मुद्दा भावनात्मक है,और हमारी प्रमुख ज़रूरत है।रोटी के राग और राज़ से सभी परिचित हैं।ज़्यादा इस पर चर्चा करने की भी ज़रूरत नही है।आप उस आनन्द का महत्व समझिये जब किसी भूखे को भोजन कराकर कितनी शांति और सुकून मिलता है।यदि हर व्यक्ति किसी भूखे को रोटी खिला कर खुद रोटी का सेवन करें तो,शायद ही इस देश में कोई रोटी को तरसे।

3 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

Very nice

adarsh ने कहा…

Thanx azam bhai

Unknown ने कहा…

Nahi mangta shajr e ameeri ya khuda
Milti rahe sabko roti yeh dua mangta hu