नये नाम और नए स्थान पर अध्यापकों की आज 25 सितम्बर की रैली की तैय्यारी हेतु बैठक सम्पन्न हुई।अध्यापक संघर्ष समिति के इस नए नाम के साथ प्रदेश के अध्यापक फिर से मैदान में उतरने की तैय्यारी कर रहे हैं।गोर तलब बात ये है कि बीते समय में अध्यापकों ने अपनी मांगों को लेकर खूब संघर्ष किया।शासन की और से उन्हें सकारात्मक संकेत भी मिला।किन्तु निरन्तर समय गुज़रने के साथ ही,जब अध्यापकों की मांगें उन्हें पूरी होते नही दिखीं तो उनके तेवर बदलने लगे।विभिन्न संघठनों में बंटा अध्यापक संघठन इस बार पूरी तैय्यारी के साथ मैदान में उतरने के मूड मे है।सोशल साइट्स पर तो जेसे इस भाविष्य में होने वाले आंदोलन से सम्बंधित पोस्ट की भरमार अभी से दिखाई देने लगी है।whatsapp,facebook के बाद अध्यापक twitter पर भी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं।twitter के अध्यापकों का रुख तो बड़ा ही आक्रामक है।किन्तु blogger पर अध्यापक दिखाई नही देते।खैर जो भी हो अध्यापक अपनी एकलोती मांग के लिए अब संघर्ष,"संघर्ष समिती" के बैनर तले करेंगे।शासन अब अध्यापकों को कितना response देता है ये तो समय ही बताएगा।जहां तक सिरोंज के अध्यापकों के आंदोलन मे सम्मिलित और सक्रिय होने की बात है तो,वह निश्चित रूप से इस आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।क्योंकि उमेश सोनी जी के मार्गदर्शन वाले,चित्र में दिखाई दे रहे सभी चेहरे ऐसे हैं जिनके ऊपर अध्यापक विश्वास करते हैं और इस टीम ने कई सफल कार्यक्रम करके भी दिखाएँ हैं।
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गुरुवार, 22 सितंबर 2016
संघर्ष समिति के बैनर तले अध्यापक आंदोलन...
नये नाम और नए स्थान पर अध्यापकों की आज 25 सितम्बर की रैली की तैय्यारी हेतु बैठक सम्पन्न हुई।अध्यापक संघर्ष समिति के इस नए नाम के साथ प्रदेश के अध्यापक फिर से मैदान में उतरने की तैय्यारी कर रहे हैं।गोर तलब बात ये है कि बीते समय में अध्यापकों ने अपनी मांगों को लेकर खूब संघर्ष किया।शासन की और से उन्हें सकारात्मक संकेत भी मिला।किन्तु निरन्तर समय गुज़रने के साथ ही,जब अध्यापकों की मांगें उन्हें पूरी होते नही दिखीं तो उनके तेवर बदलने लगे।विभिन्न संघठनों में बंटा अध्यापक संघठन इस बार पूरी तैय्यारी के साथ मैदान में उतरने के मूड मे है।सोशल साइट्स पर तो जेसे इस भाविष्य में होने वाले आंदोलन से सम्बंधित पोस्ट की भरमार अभी से दिखाई देने लगी है।whatsapp,facebook के बाद अध्यापक twitter पर भी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं।twitter के अध्यापकों का रुख तो बड़ा ही आक्रामक है।किन्तु blogger पर अध्यापक दिखाई नही देते।खैर जो भी हो अध्यापक अपनी एकलोती मांग के लिए अब संघर्ष,"संघर्ष समिती" के बैनर तले करेंगे।शासन अब अध्यापकों को कितना response देता है ये तो समय ही बताएगा।जहां तक सिरोंज के अध्यापकों के आंदोलन मे सम्मिलित और सक्रिय होने की बात है तो,वह निश्चित रूप से इस आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।क्योंकि उमेश सोनी जी के मार्गदर्शन वाले,चित्र में दिखाई दे रहे सभी चेहरे ऐसे हैं जिनके ऊपर अध्यापक विश्वास करते हैं और इस टीम ने कई सफल कार्यक्रम करके भी दिखाएँ हैं।
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