सरकार स्कूली बच्चों को अनेक प्रकार की लाभकरी योजनाओं से जोड़ रही है.जिसमें निःशुल्क गड़वेश,छात्रव्रत्ति आदि योजनाएं ऐसी हैं जिनका लाभ स्कूली बच्चों को मिल रहा है.पर देखने में यह आया है कि योजना के क्रियान्वयन के तरीके में बार बार बदलाव किये जाने से भी योजना एक मज़ाक बन कर रह जाती है.
गड़वेश,साइकिल दी जाती थी
स्कूली बच्चों को प्रारम्भ में गड़वेश और साइकिल शाला प्रबन्धन समिति क्रय कर के देती थी.योजना भी सफल थी बच्चों को समय पर ड्रेस और साइकिल मिल जाती थी बच्चे भी समय पर मिल रही सुविधाओं से प्रसन्न थे.किन्तु इस व्यवस्था पर भी लोगों ने आपत्ति उठाई और शासन ने इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया.बच्चे साइकिल और गड़वेश से वंचित हो गए.
वंचित क्यों हुए:-
सरकार ने निर्णय लिया कि अब साइकिल और गड़वेश की राशि सीधे बच्चों के खातों में जमा की जायगी जिसका परिणाम ये हुआ कि गड़वेश साइकिल की राशि का दुरुपयोग होने लगा.पालक उस राशि का प्रयोग अपने निजी कार्यों में करने लगे,और बच्चे साइकिल,गड़वेश के लिए तरसते रहे.
आखिर कार सरकार तक भी ये बात गई.सरकार की तो साफ मनशा थी कि,सम्बंधित योजना का लाभ पात्र हितग्राही को मिल सके,किन्तु जब सरकार को भनक लगी कि,योजना के क्रियान्वयन में खामी है तो सरकार ने फिर बदलाव किया है.खास कर साइकिल के मामले में तो सरकार ने सकारात्मक कदम उठाते हुए निर्णय लिया के अब स्कूली बच्चों को साइकिल के लिए राशि नही दी जायगी,बल्कि साइकिल ही दी जायेगी.राज्य सरकार की इस नई व्यवस्था ने छात्र एवं छात्राओं के चेहरों पर मुस्कान ला दी है.अब हर पात्र स्कूली छात्रों को निशुल्क साइकिल वितरण का कार्य मध्य प्रदेश में हो रहा है.
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