गुरुवार, 3 नवंबर 2016

सी.एम.हेल्प लाईन पेंडेंसी समाप्त.....


                     सी.एम.हेल्प लाईन, विकासखण्ड में जी का जन्जाल बनी हई थी.लगातार शिकायतें लेविल-4 पर पहुँच रही थी,जिससे ज़िले के आंकड़े भी बिगड़ रहे थे.जनपद शिक्षा केंद्र के नवीन बी.आर.सी,श्री नरेश रघुवंशी ने विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक का प्रभार ग्रहण करते ही,सी.एम.हेल्प लाईन की शिकायतों पर खास तवज्जो दी,जिसके कारण आज की स्तिथि में सिरोंज विकास खण्ड की सी.एम.हेल्प लाईन की शिकायतों की पेंडेन्सी समाप्त हो गई है.



               विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक श्री नरेश रघुवंशी ने सी.एम. हेल्प लाईन की शिकायतों का सूक्ष्मता से परीक्षण किया,सम्बंधितों को मोबाईल पर सूचित भी किया गया,और तहसील कार्यालय में शिकायतों का निराकरण करने हेतु आज एक शिविर भी आयोजित किया.जिसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत विदिशा भी उपस्थित हुए,और सभी पेंडिंग शिकायतों का निराकरण किया गया,जिसकी प्रशंसा भी की जा रही है.

                 आज का दिन बड़ा गहमा-गहमी से भरा हुआ था,जहां एक और प्रतिनियुक्ति अवधी पूर्ण कर चुके जनशिक्षकों ने ज़िला पंचायत सी.ई.ओ.को ज्ञापन दिया,जिसमें मांग की गई कि,जनशिक्षकों की वापसी काउंसलिंग करा कर की जाये.गौरतलब बात यह है कि,ज़िले से वर्तमान प्रतिनियुक्ति अमले की वापसी के आदेश हो चुके हैं,जिस कारण ये अमला थोड़ा निराश है,और निराशा का कारण है कि,उनकी स्कूल वापसी उनके अनुसार नही हो पा रही है.
         
               इधर जनपद शिक्षा केंद्र में नवीन प्रतिनियुक्ति पर जनशिक्षक पद पर भाविष्य में काम करने वाले जनशिक्षकों के आदेशों का वितरण किया गया.

मंगलवार, 1 नवंबर 2016

बी.ए.सी.करेंगे ज्वॉइन.......

बी ए सी

बी ए सी

                   विकासखण्ड अकादमिक समन्वयक और जनशिक्षकों के नवीन प्रतिनियुक्ति आदेशों का सम्बंधितों द्वारा इंतेज़ार किया जा रहा था.कुछ दिन पहले ही ज़िला शिक्षा केंद्र ने आदेश भी जारी कर दिए हैं,अब नवीन प्रतिनियुक्ति पर आये बी.ए.सी और जनशिक्षक जनपद शिक्षा केंद्र की कमान सम्भालेंगे.जनपद शिक्षा केंद्र का अब पूरा का पूरा अमला ही नया हो जायेगा.गौरतलब बात ये है कि,अभी कुछ दिन पहले ही जनपद में नवीन बी.आर.सी.श्री नरेश रघुवंशी ने अपनी आमद दी है,जब भी विभाग में कोई भारी फेरबदल होता है तो,लोग कयास लगाने लगते हैं कि,नवीन अधिकारी कर्मचारी किस तरह के होंगे.श्री नरेश रघुवंशी के जनपद शिक्षा केंद्र में आने के बाद भी इसी प्रकार के कयास लगाये जा रहे थे.किन्तु श्री रघुवंशी ने आते ही सुधारात्मक कार्य प्रारम्भ कर दिए हैं,कुछ ही दिनों में जनपद शिक्षा केंद्र की कार्य प्रणाली में बड़ा बदलाव देखने को मिला है.श्री नरेश रघुवंशी पेंडिंग कार्यों को सब से पहले पूरा कर रहे हैं,उनके द्वारा प्रयास ये किया जा रहा है कि,जल्द से जल्द व्यवस्था में सुधार किया जाये.




  • बी.ए.सी करेंगे ज्वॉइन....

           जनपद शिक्षा केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर आये बी.ए.सी श्री राकेश भारती और श्री अबरार अंसारी के भी जल्द ही ज्वॉइन करने की सम्भावना है.साथ ही जनशिक्षक पद पर नवीन प्रतिनियुक्ति पर आये अध्यापकों की भी जनशिक्षा केंद्रों में जल्द ही आमद दिए जाने की सम्भावना है....

  • वर्तमान प्रतिनियुक्ति अमला लौटेगा स्कूल....

               वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अमला अपनी पदस्थ संस्थाओं की और जल्द ही लौटेगा,ज़िले से इस सम्बन्ध में आदेश जारी हो गए हैं.ये ही अमला काउंसलिंग नही किये जाने से दुखी है.वर्तमान में कार्यरत अमले की इच्छा थी कि,उन्हें काउंसलिंग के माध्यम से स्कूलों में भेजा जाना चाहिए था,उनका तर्क भी मज़बूत दिखता  है,सम्बंधितों को कहना है कि,प्रदेश के अन्य ज़िलों में काउंसलिंग कर के ही,वापसी की गई है,किन्तु विदिशा ज़िले में बिना काउंसलिंग के सीधे सम्बंधितों को अपनी प्रतिनियुक्ति से पूर्व की शाला में भेजने के आदेश कर दिए गए हैं.
                   अब जो भी हो पुरानों की वापसी तय है,और नवीन अपनी आमद देने के लिए तैयार बेठे हैं.पुराना अमला इस बात को लेकर उदास है कि,उन्हें मन-माफ़िक़ स्कूल चुनने का अवसर नही मिला,और नये इसलिए खुश हैं कि,उन्हें अब नई जगह नए लोगों के साथ एक अलग ही प्रकार का काम करने का अवसर मिलेगा.....पुरानों को अभी भी आशा है कि,शायद ज़िले के अधिकारी उन पर महरबान हो जाएं,और उनकी काउंसलिंग करा दें....
               अगले कुछ दिनों में सारी तस्वीर साफ हो जायेगी कि,आगे क्या होना है.......

रविवार, 30 अक्टूबर 2016

एक दिया शहीदों के नाम....

 एक दिया शहीदों के नाम......
एक दिया शाहीदों के नाम

          आज सम्पूर्ण भारत में दीपों का पर्व दीपावली बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है.लोग एक दूसरे को इस महत्वपूर्ण पर्व की बधाइयां दे रहे हैं,हर तरफ खुशी का माहोल है,खासकर सोशल साईट whatsapp,twitter,facebook आदि पर ट्रेफिक बहुत ज़्यादा है,यहां भी बधाईयों और शुभ कामनाओं का खूब आदान प्रदान हो रहा है.इस दीपावली की खास बात ये है कि,हर देश वासी, सीमाओं पर हमारी हिफाज़त करते हुए,शहीद हुए जवानों को भी नमन कर रहा है.एक दिया आज शहीदों के भी नाम का जलाया जा रहा है.ये त्यौहार पूरी तरह से देश भक्ति में डूबा हुआ है,हर किसी के मन में अपने देश के जवानों के लिए श्रद्धा और सम्मान है.

                      वैसे तो भारत त्यौहारों का देश है,यहां विभिन्न समुदाय,ज़ाति धर्म के लोग बड़ी ही एकता और मित्रता के साथ रहते हैं,और अपने-अपने त्यौहार अपने तरीके से मनाते हैं,पर इस बार दीपावली का ये त्यौहार प्रेत्यक देश वासी के लिए खास है.सभी मित्रों,सहभागियों,सहपाठियों और सोशल साईट के group संचालकों और मेम्बर्स को इस लेख के साथ दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.इस लेख को लिखने के लिए राकेश भारती जी के पोस्ट किये गए चित्र का सहयोग लिया गया है.हर तरफ रोशनी और उजियारा है.पूरा देश रोशन है,यही कामना और प्रार्थना भी है कि,दीपावली के दिन की तरह, रौनक और खुशियाँ सभी की ज़िन्दगी में सदैव रहैं.

नरेश रघुवंशी ने की कसावट......

बी आर सी

                   जनपद शिक्षा केंद्र सिरोंज में नवीन बी.आर.सी श्री नरेश रघुवंशी के आने के बाद जनपद के काम-काज में बदलाव देखने को मिला है,श्री नरेश रघुवंशी कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं.कार्यभार ग्रहण करते ही काम में जुट गए हैं.श्री नरेश रघुवंशी के आने के बाद से अकेडमिक कसावट भी देखने को मिल रही है.

  • सी.एम.हेल्प लाईन की शिकायतों का निराकरण किया

         श्री नरेश रघुवंशी ने जनपद शिक्षा केंद्र में लेविल-3 एवं 4 की उन शिकायतों का त्वरित निराकरण किया है,जो लम्बे समय से पेंडिंग चल रहीं थीं.श्री रघुवंशी सी.एम. हेल्प लाईन की शिकायतों को घमभीरता से ले रहे हैं,इस सम्बन्ध में विकासखण्ड स्तर पर दिनांक 02.11.16 को तहसील परिसर में एक केम्प आयोजित किये जाने की भी खबर है,जिसमें सी.एम.हेल्प लाईन की समस्त शिकायतों का निराकरण एक ही दिन में किये जाने की योजना है.

  • जनशिक्षकों को दिया छठवां वेतनमान

                बी.आर.सी श्री नरेश रघुवंशी ने विकासखण्ड में सबसे पहले जनशिक्षकों और बी.ए.सी को अक्टूबर माह से छठवां वेतनमान दिया और शीघ्रता से दीपावली पर्व को देखते हुए,सम्बंधितों का वेतन जारी किया.

शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2016

खुले में शौच से मुक्ति हेतु मानव श्रंखला...

सुवछता

     सुवच्छ भारत और उन्नत भारत की कल्पना को साकार करने के लिए,देश और राज्य की सरकारें भरसक प्रयास कर रही हैं.खुले में शौच मुक्त भारत बनाने के प्रयास सतत जारी हैं.इसी सम्बन्ध में जनपद पंचायत में मीटिंग आयोजित की गई,जिसमें नव नियुक्त विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक नरेश रघुवंशी भी सम्मिलित हुए.आगामी 5 नवम्बर को खुले में शौच से मुक्ति हेतु विस्तृत कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे,जिसमें मध्य प्रदेश के प्रत्येक ग्राम में रैलियां निकाली जायेगीं और मानव श्रखलां बनाकर खुले में शौच से मुक्ति हेतु जनसमुदाय को जागरूक किया जायेगा.
       सरकार का प्रयास है कि,भारत में कहीं भी कोई भी खुले में शौच के लिए न जाये.भारत की सुवच्छता और सम्पन्नता के लिए आवशयक है कि,प्रेत्यक परिवार में शौचालय हो,और परिवार के सदस्य शौचालय का उपयोग भी करें,देखने में यह आता है कि,आज भी ग्रामों में खुले में शौच वाली परंपरागत प्रकिर्या प्रचलित है,सरकार का प्रयास यह है कि,लोगों को इस सम्बन्ध में जागरूक किया जाये.और खुले में शौच जाने की आदत से सम्बंधितों को मुक्ति दिलाई जाये.

बुधवार, 26 अक्टूबर 2016

सुवच्छता की अलख जगाने के प्रयास.....


  • सुवछता की अलख जगाने के प्रयास

सुवच्छता

       मध्य प्रदेश में आज का दिन सुवच्छता के नाम रहा.विभिन्न स्थानों पर सुवच्छता को लेकर छात्र एवं छात्राओं की रैलियाँ आयोजित की गईं,बाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया.देश भर में जो सुवच्छता की जागरूकता फैलाई जा रही है उसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं.भारत जैसे विशाल देश में कोई भी योजना,सन्देश को देश भर में अमल कराने में समय लगता है.धीमी गति से किन्तु सुखद परिणाम देने वाली सुवच्छता की जागरूकता मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल रही है.लोग इसका महत्व समझ भी रहे हैं,सरकारी अमला अपने स्तर से भर पूर प्रयास भी कर रहा है.
सुवच्छता

  •            भगवन्तपुर में भी हुआ कार्यक्रम
             विकासखण्ड सिरोंज के ग्राम भगवन्तपुर में भी आज एक कार्यक्रम आयोजित करके सुवच्छता की अलख जगाई गई.हायर सेकण्डरी स्कूल की प्राचार्या श्रीमती कल्पना जेन सहित समस्त स्टाफ ने इस कार्यक्रम में सहभागिता की,स्कूल के बच्चों के प्रश्नों का समाधान किया गया,चित्र और वाद विवाद के माध्यम से सुवच्छता का महत्व समझाया गया.
सुवच्छता

सुवच्छता
  • जनपद सी.ई.ओ.एवं जनशिक्षक ने किया ग्रामों का दौरा......

            जनपद पंचायत सिरोंज के सी.ई.ओ. एवं जनशिक्षक उमकार सिंह रघुवंशी द्वारा भी आज विभिन्न ग्रामों का दौरा कर के सुवच्छता जागरूकता कार्यक्रमों में सहभागिता की गई.
सुवच्छता

  • जनशिक्षक बच्चों के बीच.....

                 जनशिक्षक कैलाश कुमार कुशवाह अपनी विशेष कार्य प्रणाली के लिए जाने जाते हैं इन्होंने भी आज विभिन्न स्कूलों का निरीक्षण किया.कुछ समय बच्चों के बीच व्यतीत किया,बच्चों को सुवच्छता का महत्व भी समझाया गया.
              बात जब भी सुवच्छता की होती है तो नज़र के सामने सुवच्छ और सुंदर भारत की तस्वीर सामने होती है.लोगों का कहना है भारत सरकार ने जो सुवच्छता की अलख जगाई है,यदि इसे विशेष आयोजनों से हटा कर प्रतिदिन की दिनचर्या में शामिल कर लिया जाये तो,वह दिन दूर नही जब हमारा सुवस्थय,सुंदर और शक्तिशाली देश दुनिया के नक़्शे पर अपनी चमक बिखेर रहा होगा,इसके लिए सांकेतिक सफाई अभियानों के स्थान पर वास्तविक प्रयास किये जाने की ज़रूरत है.

समग्र पोर्टल पर काम प्रारम्भ.....


  • समग्र पोर्टल पर काम प्रारम्भ
  •            समग्र पोर्टल पर आज से मेपिंग और प्रोफाइल का काम प्रारम्भ हो गया है,अभी समग्र पोर्टल बन्द होने से मेपिंग का कार्य पिछड़ रहा था.ज़िला शिक्षा अधिकारी द्वारा विकासखण्ड के अधिकारियों को लगातार मेपिंग और प्रोफाइल का काम पूरा करने का अल्टीमेटम दिया जा रहा है.मेपिंग में विदिशा ज़िले का काम पिछड़ रहा है.विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सिरोंज श्री ओ.पी.विश्वकर्मा का कहना है कि,पोर्टल बन्द होने से ये काम रुका हुआ था,आज से समग्र पोर्टल पर काम शुरू होने की खबर है,जल्द ही इस कार्य को पूर्ण कर लिया जायेगा,श्री विश्वकर्मा का ये भी कहना है कि,विकाशखण्ड स्त्रोत समन्वयक कक्षा-1से 8 तक की मेपिंग और छात्र प्रोफाइल का काम जल्द पूर्ण कराएं,जिससे विकासखण्ड की स्थिति में सुधार आसके.इधर जनपद शिक्षा केंद्र में नवीन बी.आर.सी श्री नरेश रघुवंशी ने आज जनपद शिक्षा केंद्र के अमले की बैठक ली है,जिसमें सम्बंधितों को शासकीय योजनाओं को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए गए.
  • ज़िले के मेपिंग में पिछड़ रहे दो संकुल सिरोंज के....
  •                ऐसे समाचार हैं कि,मेपिंग कार्य में विकास खण्ड सिरोंज के उत्कृष्ट संकुल और कन्या बासोदा के बाद कन्या सिरोंज के संकुलों की मेपिंग,प्रोफाइल का काम पिछड़ रहा है.
  •           जानकारों का मानना है सिरोंज विकासखण्ड का कुछ काम"लाक" नही हुआ है,यदि प्रोफाइल को लॉक कर दिया जाये और शेष रही प्रोफाइल को पूर्ण कर लिया जाये तो,सिरोंज विकासखण्ड का ये कार्य दो दिन में पूर्ण हो जायेगा...
  •          अब देखने वाली बात ये है कि,शासकीय,अशासकीय स्कूल कब तक इस काम को पूर्ण करते हैं......

मंगलवार, 25 अक्टूबर 2016

नरेश रघुवंशी बने बी.आर.सी........

बी आर सी

नरेश रघुवंशी बने बी.आर.सी.......
                 जनपद शिक्षा केंद्र सिरोंज में नवीन जनशिक्षकों और बी.ए.सी के बदलाव से पहले एक और बड़ा बदलाव आज देखने को मिला.ज़िला शिक्षा विभाग ने आज निखलेश श्रीवास्तव की जगह नरेश रघुवंशी को सिरोंज का बी.आर.सी बनाया है.नरेश रघुवंशी ने आज जनपद शिक्षा केंद्र सिरोंज में उपस्थित होकर बी.आर.सी सिरोंज का कार्यभार ग्रहण किया.उपस्थित जनशिक्षकों और कर्मचारियों से चर्चा भी की.
बी आर सी

नरेश रघुवंशी का हुआ स्वागत.....
            जहां जनपद शिक्षा केंद्र में नवीन बी.आर.सी श्री नरेश रघुवंशी का स्वागत किया गया,वहीं अन्य स्थानों पर भी श्री रघुवंशी का फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया.
बी आर सी
बी आर सी

नरेश रघुवंशी से उम्मीदें.....
                  विकासखण्ड को श्री नरेश रघुवंशी से उम्मीदें कुछ ज़्यादा ही हैं,अभी से लोग उनकी कार्य प्रणाली की प्रशंसा कर रहे हैं,शिक्षकों को उम्मीद है कि नवीन बी.आर.सी शिक्षा विभाग में कुछ सुधार अवश्य करेंगें.
बी आर सी

चुनोतियाँ भी कम नहीं?
                       जनपद शिक्षा केंद्र में काम बहुत हैं,ज़िले द्वारा कभी-कभी जानकारियां  रातों रात मंगाई जाती हैं,उसके लिए अभी से उनको तैय्यार रहना पड़ेगा.
बी आर सी
मिशन में पांचवें बी.आर.सी हैं नरेश रघुवंशी.....
                        अग्निवेश आर्य,मनोज शर्मा,बाबू लाल मीणा और निखलेश श्रीवास्तव के बाद मिशन की कमान अब नरेश रघुवंशी के हाथों में हैं.जनसमुदाय को आशा है कि,नवीन बी.आर.सी मिशन का संचालन अच्छे से करेंगे,समस्याओं को सुनेंगें और उनका निकारण करने का भी प्रयास करेंगे.

रविवार, 23 अक्टूबर 2016

जनशिक्षकों के प्रतिनियुक्ति आदेश

           जनशिक्षकों के प्रतिनियुक्ति आदेश रायसेन ज़िले में जारी हो चुके हैं सम्बंधितों द्वारा उन आदेशों को सोशल साइट पर खूब पोस्ट किया जा रहा है.इधर विदिशा ज़िले में नवीन जनशिक्षकों की काउंसलिंग किये हुए लगभग 20 दिन हो चुके हैं,किन्तु आदेश जारी नही हो पाये हैं,सम्भावित प्रतिनियुक्ति पर आने वाले आवेदकों को इन आदेशों का इंतेज़ार अभी भी है,जब रायसेन ज़िले के आदेश जारी हुए तो,विदिशा ज़िले में भी उम्मीद जागी है,गौरतलब बात ये है कि,आज कल शिक्षा विभाग में दो मुद्दों पर आपको हर कोई बात चीत करता हुआ मिल जायेगा,एक तो यह है कि,नवीन जनशिक्षकों के आदेश आने की सम्भावनाओं पर विचार होता रहता है.

  • वर्तमान कार्यरत जनशिक्षकों को कब स्कूल भेजेगें
  •         आज कल विदिशा ज़िले के जनपद शिक्षा केंद्रों में दूसरा महत्वपूर्ण चर्चा का विषय यह है कि,वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अमले को किस प्रकार वापिस स्कूल भेजा जायेगा.प्रतिदिन चर्चाओं का दोर रहता है कि,काउंसलिंग कर के इन्हें स्कूलों में वापिस भेजा जायेगा,कुछ अनुभवी अध्यापक कहते हैं कि,जिस शाला से आये हैं,वहीं रवानगी भी होगी...
  •           सार यह है कि अन्य ज़िलों की भाँति विदिशा ज़िले में भी काउंसलिंग कर के वर्तमान अमले को उनके मन-माफ़िक़ स्कूलों में शीघ्र भेजा जाये.और नवीन प्रतिनियुक्ति वाले अमले को जल्द आदेश दिया जाएं,जिससे ज़िले में देरी से काम होने की बात जो लोग कर रहे हैं,उन्हें भी और इस सम्बन्ध में ज़्यादा बोलने का मोका न मिले.लोगों का कहना है कि,जब कोई कार्य अन्य ज़िलों में हो जाता है,उसके बाद ही विदिशा ज़िले में अमल होता है.अब जो भी हो दीपावली का पर्व समीप है लोग खुश हैं सरकार ने अध्यापकों को छठवाँ वेतनमान भी दे दिया है,अब विदिशा ज़िले की बारी है,ये कब प्रतिनियुक्ति अमले को खुश करते हैं....

शनिवार, 22 अक्टूबर 2016

संविदा शिक्षकों का हुआ संविलियन....


  •  विदिशा ज़िले में सन 2013 में संविदा शाला शिक्षक के पद पर नियुक्त संविदा शिक्षकों के संविलयन आदेश ज़िला पंचायत ने जारी कर दिए हैं,शिक्षकों का ये वर्ग अध्यापक संवर्ग में सम्मिलित हो गया है,अध्यापक संवर्ग में शामिल होने से अब इनका पदनाम संविदा शिक्षक के स्थान पर सहायक अध्यापक,अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक रहेगा,संविदा शिक्षक संविलियन किये जाने से प्रसन्न दिखाई दे रहे हैं.क्योंकि मध्य प्रदेश के कुछ ज़िलों में ये काम पहले ही हो गया था,और जब विदिशा ज़िले के संविदा शिक्षकों के साथ ही नियुक्त अन्य ज़िले के संविदा शिक्षक अपने छठवें वेतनमान की पेयस्लिप सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे थे तो,यहां के संविदा शिक्षक अपने आप से निराश थे,क्योंकि उनके संविलियन आदेश नही होने से उन्हें अक्टूबर माह का वेतन छठवें वेतनमान के आधार पर नही मिलना था.
  • संविदा शिक्षकों ने ज़िले के अधिकारियों  माना आभार
  •             संविदा शिक्षकों ने संविलियन आदेश दीपावली के पूर्व जारी किये जाने को लेकर ज़िले के अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया है,अब अगर संकुल स्तर से कोई देर दारी नही होती है तो,विदिशा ज़िले के संविदा शिक्षकों को भी अक्टूबर के वेतन के साथ छठवां वेतनमान मिल जायगा,और इन शिक्षकों के पदनाम संविदा शिक्षक भी परिवर्तित होकर अध्यापक कहलाया जाने लगेगा.
  • अब आहरण अधिकारियों पर है नज़र
  •                       संविदा शिक्षक से हाल ही में अध्यापक संवर्ग में सम्मलित हुए,नवीन अध्यापक समूह के शिक्षक अब आहरण अधिकारियों पर नज़र रखे हुए हैं,उनका कहना है कि,ज़िले के अधिकारियों ने तो उन्हें समय रहते दीपावली का तोहफा दे दिया है,अब विकासखण्ड के अधिकारी क्या वास्तव में,अक्टूबर का वेतन छठवें वेतनमान के आधार पर देकर,उन्हें वास्तविक रूप से अध्यापक संवर्ग में दीपावली से पूर्व सम्मलित होने का अहसास करापाएगें अथवा नही.

गुरुवार, 20 अक्टूबर 2016

छठवाँ वेतनमान मिल ही गया....

अध्यापकों को लम्बे समय के संघर्ष के  बाद आखिर कार छठवां वेतन मान मिल ही गया,राज्य सरकार ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं,अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह तक ये वेतन अध्यापकों के खातों की रौनक बढ़ाएगा.अभी कुछ ही दिन पहले की बात है जब गढ़ना पत्रक जारी नही हुआ था तो अध्यापक बेचैन थे.शहडोल जाने की बात कर रहे थे,ये बात अलग है कि,कुछ अध्यापक शहडोल गए भी थे.अध्यापकों को छठवाँ वेतनमान  नही मिलने से अध्यापक भी आक्रामक दिखाई दे रहे थे,और अपनी पूरी भड़ास सोशल साईट पर निकाल रहे थे.हालांकि वर्तमान जारी गढ़ना पत्र में भी कुछ सीनियर अध्यापक कमियां बता रहे हैं,किन्तु आम अध्यापक अभी कुछ सुनने को तैयार नही हैं,उनका कहना है कि,पहले जारी घोषणा पत्रक अनुसार ही वेतन लेंगें,और बाद में विसंगतियों पर चर्चा करेंगे.आज कल बाबू लोगों की बड़ी माथा पच्ची चल रही है,नवीन गढ़ना पत्रक को समझने में,वह भी एक दूसरे से परामर्श कर रहे हैं,उनकी सोच भी ठीक है,कहीं कोई गलती न हो,इसलिए परामर्श भी ज़रूरी है.
  • सातवें वेतनमान की मांग भी अभी से
  •             अभी छठवां वेतनमान अध्यापकों के खातों तक पुहचने में कुछ दिन का समय है और अध्यापकों के हाथों में अभी छठवें वेतनमान की राशि भी नही आई है,और सातवें वेतनमान की मांग भी उठने लगी है,twitter पर कुछ अध्यापकों के तेवर अभी भी नरम होते दिखाई नही दे रहे है,उनका कहना है कि,अध्यापकों को सातवाँ वेतनमान भी राज्य के अन्य कर्मचारियों के साथ ही दिया जाये.
  • प्रदेश के मुखिया की प्रशंसा भी हो रही है.
  •                       अध्यापक संघटनों और अध्यापक नेताओं में छठवाँ वेतनमान अध्यापकों को दिए जाने का श्रेय लेने की भी होड़ लगी हुई है.वहीं आम अध्यापक प्रदेश के मुखिया की प्रशंसा करते नही थक रहा है,वास्तव में अध्यापकों की प्रशंसा जायज़ भी है,आखिरकार प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अध्यापकों की बरसों पुरानी मांग जो पूरी कर दी है.अध्यापक ये भी मान कर चल रहे हैं। कि,प्रदेश के मुखिया ने दीपावली के तोहफे के रूप में छटवें वेतनमान की सौगात अध्यापकों को दी है.

बुधवार, 19 अक्टूबर 2016

जनशिक्षक ने किया बच्चों के साथ भोजन

जनशिक्षक

                     जनशिक्षक ओमकार सिंह रघुवंशी द्वारा कसबाताल जनशिक्षा केंद्र के सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया गया.शासकीय प्राथमिक शाला बेन्दीगड़ में व्यवस्थायें बेहतर मिली.यहां उन्होंने स्कूली बच्चों के साथ बैठकर भोजन भी किया.भारत सरकार द्वारा संचालित मध्यान्ह भोजन योजना यहां मध्य प्रदेश में भी संचालित है.मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों को लंच के समय भोजन दिया जाता है.इस योजना से बच्चों का स्कूल में ठहराव भी सुनिश्चित होता है.सबसे ज़्यादा शिकायतें भी मध्यान्ह भोजन को लेकर आती हैं,प्राथमिक शाला बेन्दीगड़ में जनशिक्षक ओमकार सिंह को मेन्यू अनुसार मध्यान्ह भोजन का वितरण होना पाया गया.सरकारी स्कूलों में दोपहर का भोजन दिए जाने की शासन की योजना का लाभ सीधे तोर पर बच्चों को प्राप्त हो रहा है,हालांकि इसमें अनियमितताएं किये जाने की खबरें भी समाचार पत्रों की सुर्खियां बनती हैं,कुल मिला कर भारत सरकार की ये योजना बच्चों के हित के लिए है,और बच्चों को इसका लाभ भी मिल रहा है.

समय रहते बच्चों तक साइकिल पुहचें

साइकिल

                  मध्य प्रदेश में स्कूली छात्र एवं छात्राओं को इस वर्ष सीधे साइकलें वितरित की जा रही हैं.इससे पूर्व साइकिलों की राशि सम्बंधितों के खातों में जमा की जाती थी,किन्तु इस प्रकार की शिकायतें सामने आ रही थीं कि,सम्बंधित उस राशि से साईकिल क्रय नही कर रहे हैं,देखने में भी यह आ रहा था बच्चे दूर दराज़ के क्षेत्रों से पैदल ही स्कूल जाते हुए दिखाई देते थे.इस वर्ष इस योजना में बदलाव किया गया है.अच्छी क्वालिटी की साइकिलें बच्चों को वितरित की जा रही हैं,स्थानीय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में निःशुल्क साइकिलों के पार्ट ट्रक द्वारा यहाँ आये हुए हैं.और यहाँ से साईकिल असेम्बिल्ड हो कर सम्बंधित बच्चों को वितरण हेतु भेजी जा रही है,यही देखने विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक निखलेश कुमार श्रीवास्तव और जनशिक्षक महेश साहू ,टोरी स्कूल पहुचे.उन्होंने पूरी प्रकिर्या का जायज़ा भी लिया,सम्बंधितों से चर्चा भी की गई.जिससे समय रहते साईकिल बच्चों को वितरित की जा सके.

मंगलवार, 18 अक्टूबर 2016

बी आर सी द्वारा किया गया स्कूल निरीक्षण

स्कूल निरीक्षण

          सरकारी स्कूलों के निरीक्षण के क्रम में आज विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक निखलेश कुमार श्रीवास्तव ने शासकीय प्राथमिक शाला बनिया ढाने का निरीक्षण किया.और सम्बंधित शाला प्रभारी और स्कूल प्रबन्धन को आवशयक दिशा निर्देश दिए.


आज कल सरकारी स्कूलों की सभी प्रकार की जानकारी ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल और समग्र पोर्टल पर अपडेट होने लगी है,वर्तमान में छात्र प्रोफाइल का काम विकासखण्ड का पिछड़ रहा है,इसी को ध्यान में रखते हुए बीआरसी सिरोंज द्वारा सरकारी स्कूलों का भ्रमण किया जा रहा है,जिससे मेपिंग कार्य की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल सके,और शाला प्रभारीयों को मेपिंग का काम शीघ्र किये जाने के निर्देश दिए जा सकें.हालांकि सभी जनशिक्षक इस कार्य में लगे हुए हैं,और अपने अपने जनशिक्षा केंद्रों के स्कूलों की मेपिंग प्रोफाइल के कार्यों की समीक्षा सम्बंधितों द्वारा की जा रही है.ऐसी आशा है कि,शीघ्र ही विकासखण्ड का समग्र से सम्बंधित कार्य पूर्ण हो जायेगा.

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मेपिंग बनाम माथा पच्ची


  • मेपिंग बनाम माथा पच्ची  
                    सरकारी स्कूलों की मेपिंग और प्रोफाइल अपडेशन का कार्य हर साल पिछड़ जाता है,मेपिंग की लेटलतीफी के कारण नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी ,कर्मचारीयों को अपने वरिष्ठ अधिकारियों  की फटकार का सामना करना पड़ता है,ऐसी क्या दिक़्क़त हर साल मध्य प्रदेश में सरकारी अमले के समक्ष आती है जिसकी वजह से ये कार्य समय पर नही हो पाता है,समझ से परे है.

आखिर ये मेपिंग है क्या ?
                 मध्य प्रदेश में कुछ सालों से सभी परिवारों को एक परिवार आई.डी.और परिवार के समस्त सदस्यों को समग्र सदस्य आई.डी प्रदान कर दी है.ये सभी जानकारी मध्य प्रदेश के समग्र पोर्टल पर मौजूद हैं.अब राज्य सरकार की लगभग सभी योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को समय पर मिल रहा है.इससे सबसे बड़ा लाभ ये हुआ है कि,एक व्यक्ति का नाम अब मध्य प्रदेश में एक ही जगह रह सकता है,व्यक्तियों के नामों का दोहराव नही हो रहा है,इससे शासन के पास भी सही आंकड़े पहुच रहै हैं.ये समग्र सदस्य आई.डी स्कूली बच्चों की भी है,इसी आई.डी के माध्यम से बच्चों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलता है.
हर साल मेपिंग की ज़रूरत क्या है?
                   स्कूली बच्चों की क्लास अपडेशन का कार्य और परीक्षा परिणाम के फीडिंग का कार्य हर साल होता है,सबसे ज़रूरी काम है छात्र प्रोफाइल का काम,जिससे हर साल बच्चों को छात्रविरत्ति प्राप्त होती है,सरकारी और निजी स्कूलों का यही काम हर साल समय पर नही हो पाता है,आज कल इसी काम को लेकर माथा पच्ची चल रही है,अनेकों स्कूलों ने समय पर यह कार्य नही किया है,जिससे बच्चों को अभी तक छात्रविरत्ति प्राप्त नही हुई है.अब क्यों कि,मेपिंग प्रोफाइल को पूरा करने का अल्टी मेटम मिल गया है,इस कारण शिक्षक मेपिंग की माथा पच्ची में लगे हुए हैं.ऊपर से समग्र पोर्टल के बन्द हो जाने अथवा धीमा चलने से ये काम और प्रभावित होता है.
इस सम्बन्ध में शिक्षकों का कहना ये है कि,बार-बार आवेदन करने का कोई औचित्य नही है.ये सब ऑटोमेटिक अपडेट होना चाहिए.और छात्र प्रोफाइल भी केवल एक बार ही बनना चाहिए.

सोमवार, 17 अक्टूबर 2016

फ्री साईकिल वितरण....

बच्चों को मिली साईकिल

           सरकारी स्कूलों में उन बच्चों को साईकिल सरकार द्वारा फ्री में दी जाती है जो अपने घरों से दूर स्थित मिडिल और हाईस्कूलों में पड़ने के लिए जाते हैं.शासन की भी मनशा है कि,बच्चे हर हाल में अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकें.और उनकी मिडिल से लेकर हायर सेकण्डरी तक की पढाई में कोई बाधा न आये,शासन की अनेक कल्याणकारी और छात्र हित वाली योजनाओं का लाभ बच्चों को मिल रहा है.इसी क्रम में कसबाताल जनशिक्षा केंद्र के जनशिक्षक ओमकार सिंह रघुवंशी चित्र में बच्चों को निशुल्क साइकिल वितरित करवाते हुए दिखाई दे रहे हैं.शासन ने साइकिल वितरण व्यवस्था में इसी साल से परिवर्तन किया है,जिसका लाभ अब बच्चों को सीधे तोर पर प्राप्त हो रहा है,मध्य प्रदेश सरकार की प्रशंसा भी की जा रही है.

अध्यापक शहडोल रैली

 खबर ये है कि,अध्यापकों ने अपनी प्रस्तावित रैली शहडोल में आयोजित की है,ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि,गड़ना पत्रक जारी होने के बाद अध्यापकों की शहडोल रैली निरस्त कर दी जायेगी,किन्तु खबरों के मुताबिक़ ऐसा नही हुआ,अध्यापकों ने न सिर्फ रैली की,बल्कि ताज़ा जारी गड़ना पत्रक की विसंगतियों को भी दूर किये जाने की भी मांग की,साथ ही अध्यापक नेताओं द्वारा अध्यापकों की मूल मांग,शिक्षा विभाग में संविलियन शीघ्र किये जाने की मांग भी की.हालांकि गड़ना पत्रक जारी होने से अध्यापकों के तेवर उतने सख्त नही थे,जितने की उम्मीद की जा रही थी,अध्यापकों की इस रैली से राज्य सरकार अध्यापकों से नाराज़ दिखाई दे रही है,सरकार ने सोचा था कि,गड़ना पत्रक जारी होने से,अध्यापक अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे.किन्तु अध्यापकों की शहडोल रैली से राज्य सरकार खफा होती दिख रही है.इस बीच आम अध्यापक का कहना ये है कि,अध्यापक नेताओं को वर्तमान जारी गड़ना पत्रक अनुसार अक्टूबर माह के वेतन का भुगतान करा लेना चाहिए,और विसंगतियों को इसके बाद दूर कराने के प्रयास करने चाहिए,मध्य प्रदेश में अध्यापक संवर्ग बहुत बड़ी तादाद में हैं,जिसके कारण अलग अलग राय इस सम्बन्ध में निकल कर सामने आरही है.अभी जो गड़ना पत्रक जारी हुआ है वह शहरी अध्यापकों के लिए है,ग्रामीण अध्यापकों को अभी आदेश का इंतेज़ार है.देखते हैं क्या अध्यापकों को अक्टूबर का वेतन,वर्तमान जारी गड़ना पत्रक अनुसार मिल पाता है अथवा नही....

रविवार, 16 अक्टूबर 2016

जनशिक्षक काउंसलिंग करा सकते हैं.....

जनशिक्षक चाहें तो काउंसलिंग हो सकती है...
          प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत ऐसे जनशिक्षक जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण हो चुकी है और उन्हें अब स्कूलों की और वापिस लौटना है,वह चाहें तो काउंसलिंग के माध्यम से अपने मन माफ़िक़ स्कूल में अपनी पदस्थापना करा सकते हैं
केसे अपनी मर्ज़ी से स्कूल चुन सकते हैं?
          वर्तमान कार्यरत जन शिक्षकों को अच्छी खबर ले कर आया है ज़िला शिक्षा अधिकारी का वह आदेश जिसमें स्कूलों में रिक्त और अतिशेष शिक्षकों की जानकारी का उल्लेख है,पत्र में स्पष्ट लिखा है कि प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारी की मूल शाला को भरी हुई न दिखाई जाये,बल्कि रिक्त मानी जाये,और जो जहां प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है उसे वही पदस्थ मानकर,उसकी पदस्थ शाला को रिक्त माना जाये.
जनशिक्षकों को क्या लाभ है?
                     अब जनशिक्षकों को चाहिए कि वह 24 अक्टूबर से पहले अपने प्राचार्य के माध्यम से अपनी पदस्थ संस्था की रिक्त स्थानों की जानकारी ज़िले में भेंजे,जिससे काउंसलिंग हो सके.
ये सब करने की क्या ज़रूरत है?
                 ये सब करने की ज़रूरत इसलिए है कि,अभी जनशिक्षकों की पदस्थ संस्था भरी हुईं मानी जा रही है,इसलिए प्रतिनियुक्ति से लौटकर सम्बंधित को अपनी पदस्थ संस्था में ही भेजे जाने की बात हो रही है,जब सम्बंधित अपनी पदस्थ संस्था में उनकी जगह को रिक्त भेजेंगे तो,निष्चित रूप से काउंसलिंग होगी,और जब काउंसलिंग होगी तो,आप अपने मन माफ़िक़ स्कूल को चून सकते हैं....खेर देखते हैं सम्बंधित इस लेख को कितना घम्बीरता से लेते हैं....

शनिवार, 15 अक्टूबर 2016

गढ़ना पत्रक का सच क्या है?

गड़ना पत्रक का सच क्या है?
            आज जारी हुए सोशल मीडिया के गड़ना पत्रक पर अलग अलग टिप्पड़ियां और प्रति क्रियाएं देखने को मिल रही हैं.कुछ अध्यापक इस गढ़ना पत्रक के स्वागत में नतमस्तक हैं जबकि कुछ अनुभवी अध्यापक इसमें भी विसंगति बता कर शहडोल जाने की बात कर रहे हैं और कुछ को तो इस गढ़ना पत्रक के सही होने पर भी सन्देह है.सन्देह करने वालों का तर्क यह है कि,आज शनिवार को अवकाश के दिन गढ़ना पत्रक केसे जारी हो गया,कुछ अध्यापक और आगे की बात कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ये गढ़ना पत्रक एजुकेशन पोर्टल पर क्यों नही है.कुछ अध्यापक कह रहे हैं ये तो केवल,नगरीय निकाय में कार्यरत अधापकों के लिए है. अलग अलग अध्यापकों के अलग अलग तर्क और वितर्क हैं.पर सबसे निराली बात अध्यापक नेताओं की है उनमें अभी से श्रेय लेने की होड़ लग गई है.बात जो भी है आने वाले दिनों में ये तस्वीर भी साफ हो जायेगी कि,ये गढ़ना पत्रक असली है या सिर्फ भिरम फेलाया जा रहा है.रही बात गढ़ना पत्रक की विसंगति की तो,इसकी विसंगति भी साल दो साल में दूर हो ही जायेगी.जेसी सरकार की मनशा हो.अभी फिलहाल तो अध्यापकों को सरकारी तोर पर गढ़ना पत्रक जारी होने के सबूत चाहिए.फिर जा कर उस पर चिंता की जाने की ज़रूरत है कि,अब उसमें कितनी विसंगति है.अभी से हाय तोबा मचाने की और मिठाइयां बटवाने की ज़रूरत नही है.कुछ अध्यापक गढ़ना पत्रक का अध्ययन किये बगैर ही सोशल मीडिया पर ज़रूरत से ज़्यादा उत्साह दिखा भी रहे हैं,उनका उत्साह भी जायज़ है.......कब से इस गढ़ना पत्रक का इंतेज़ार हो रहा था.....अब आया है...या भिरम है या....हक़ीक़त है...समय ही बताएगा.....

निःशुल्क साइकिल वितरण

निःशुल्क साइकिल वितरण

         सरकार स्कूली बच्चों को अनेक प्रकार की लाभकरी योजनाओं से जोड़ रही है.जिसमें निःशुल्क गड़वेश,छात्रव्रत्ति आदि योजनाएं ऐसी हैं जिनका लाभ स्कूली बच्चों को मिल रहा है.पर देखने में यह आया है कि योजना के क्रियान्वयन के तरीके में बार बार बदलाव किये जाने से भी योजना एक मज़ाक बन कर रह जाती है.
गड़वेश,साइकिल दी जाती थी
               स्कूली बच्चों को प्रारम्भ में गड़वेश और साइकिल शाला प्रबन्धन समिति क्रय कर के देती थी.योजना भी सफल थी बच्चों को समय पर ड्रेस और साइकिल मिल जाती थी बच्चे भी समय पर मिल रही सुविधाओं से प्रसन्न थे.किन्तु इस व्यवस्था पर भी लोगों ने आपत्ति उठाई और शासन ने इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया.बच्चे साइकिल और गड़वेश से वंचित हो गए.
 वंचित क्यों हुए:-
                सरकार ने निर्णय लिया कि अब साइकिल और गड़वेश की राशि सीधे बच्चों के खातों में जमा की जायगी जिसका परिणाम ये हुआ कि गड़वेश साइकिल की राशि का दुरुपयोग होने लगा.पालक उस राशि का प्रयोग अपने निजी कार्यों में करने लगे,और बच्चे साइकिल,गड़वेश के लिए तरसते रहे.
आखिर कार सरकार तक भी ये बात गई.सरकार की तो साफ मनशा थी कि,सम्बंधित योजना का लाभ पात्र हितग्राही को मिल सके,किन्तु जब सरकार को भनक लगी कि,योजना के क्रियान्वयन में खामी है तो सरकार ने फिर बदलाव किया है.खास कर साइकिल के मामले में तो सरकार ने सकारात्मक कदम उठाते हुए निर्णय लिया के अब स्कूली बच्चों को साइकिल के लिए राशि नही दी जायगी,बल्कि साइकिल ही दी जायेगी.राज्य सरकार की इस नई व्यवस्था ने छात्र एवं छात्राओं के चेहरों पर मुस्कान ला दी है.अब हर पात्र स्कूली छात्रों को निशुल्क साइकिल वितरण का कार्य मध्य प्रदेश में हो रहा है.