मंगलवार, 4 अक्टूबर 2016

सन्तान पालन अवकाश.....

सन्तान पालन अवकाश के सम्बन्ध में ज्ञापन देते अध्यापक

            मध्य प्रदेश की महिला अध्यापकों को शायद महिला अध्यापक नही माना जाता है यहां अध्यापक पद पर कार्यरत महिला अध्यापकों के साथ एक आदेश के परिपेक्ष्य में यह बातें कही जा रही है।बात यह है कि मध्य प्रदेश सरकार ने विगत दिनों महिला कर्मचारियों के हित में एतेहासिक निर्णय लेते हुए,महिला कर्मचारियों को "चाइल्ड केयर लीव" की सौगात दी थी।ये चाइल्ड केयर लीव महिला कर्मचारी अपनी सन्तान के 18 वर्ष तक होने तक कभी भी ले सकती हैं।चाइल्ड केयर लीव दो वर्ष सवैतनिक ली जा सकती है।सरकार का यह आदेश महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा लाभ दायक है।आदेश आते ही मध्य प्रदेश सरकार की हर तरफ से प्रशंसा हो रही है।मध्य प्रदेश सरकार को महिलाओं की प्रशंसा भी मिल रही है।


सन्तान पालन अवकाश के सम्बन्ध में ज्ञापन देते अध्यापक

          सरकार के सन्तान पालन अवकाश से सब से ज़्यादा प्रसन्नता महिला अध्यापकों ने व्यक्त की।मध्य प्रदेश में महिलाओं को नोकरी में आरक्षण सहित अन्य सुविधाएं पूर्व से ही इस सरकार ने दे रखी है।सन्तान पालन अवकाश से तो यहां की महिला अध्यापक मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करते नही थकती थीं।विवाद की स्तिथि तब बनी जब कुछ महिला अध्यापकों ने सन्तान पालन अवकाश के लिए आवेदन किया,और उनका अवकाश भी स्वीकृत नही हुआ।और राज्य सरकार के उस आदेश से तो महिला अध्यापकों को और ज़्यादा निराशा हुई।जिसमें लिखा गया कि,सन्तान पालन अवकाश की पात्रता महिला अध्यापकों को नही है।अब महिला अध्यापकों को छोड़ कर अन्य शासकीय महिला कर्मचारियों को मध्य प्रदेश में सन्तान पालन अवकाश लेने की पात्रता है।महिला अध्यापक अपने साथ इस प्रकार हुए भेद भाव से दुखी हैं।इसी परिपेक्ष्य में सिरोंज के जागरूक अध्यापकों ने महिला आयोग की अध्यक्ष को इस सम्बन्ध में ज्ञापन दिया।सरकार से आशा और अपेक्षा है कि,मध्य प्रदेश में महिला अध्यापकों को भी सन्तान पालन अवकाश की पात्रता दी जाये।और महिला अध्यापकों की इस महत्वपूर्ण मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार करके सरकार महिला अध्यापकों के हित में जल्द निर्णय ले।

सोमवार, 3 अक्टूबर 2016

साफ-सफाई की बाड़......


           मध्य प्रदेश में इन दिनों ऐसा लगता है कि,साफ सफाई की बाड़ आगई हो।अवसर है सुवच्छता पखवाड़े का।गांधी जयंती 2 अक्टूबर से प्रारम्भ ये सुवच्छता पखवाड़ा 15 अक्टूबर तक चलेगा।सरकारी भवनों,स्कूलों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।



               मध्य प्रदेश में चल रहे इस सुवच्छता पखवाड़े की अच्छी बात ये है कि,यहां सांकेतिक साफ-सफाई नही हो रही है,बल्कि वास्तविक रूप से सुवच्छता का वातावरण निर्मित किया जा रहा है।जनशिक्षक कैलाश कुमार कुशवाह जी जान से साफ-सफाई में जुटे हुए चित्र में दिखाई दे रहे हैं।अपवाद की स्तिथि को छोड़ दें तो,मध्य प्रदेश में लोगों को सुवच्छता का महत्व समझाया गाया है।लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।वास्तव में यदि सुवच्छता को दैनिक जीवन का हिस्सा बना लिया जाये तो,निश्चित रूप से सुवस्थय एवं सुवच्छ भारत का निर्माण होगा।

स्कूलों का निरीक्षण.....


                 विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक निखलेश कुमार श्रीवास्तव ने आज अनेक सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया।सम्बंधित स्कूलों को शाला संचालन हेतु आवशयक निर्देश दिए।सरकारी स्कूलों में इन दिनों सुवच्छता पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है।जिसमें इन दिनों सरकारी स्कूलों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

रविवार, 2 अक्टूबर 2016

Pandit vishnu shastri ji

https://youtu.be/8ZkHhW5b-CU

Education

https://youtu.be/QxiuMF03H_w

गांधी जयन्ती और सुवच्छता.....


                    आज गाँधी जयंति का दिन मध्य प्रदेश में विशेष दिन के रूप में आयोजित हो रहा है।आज प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभा का आयोजन किया गया।जिसमें जन समुदाय को भी सम्मिलित किया गया।



                 गांधी जयंती के उपलक्ष्य में प्रदेश भर में सुवच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है।आज भी अनेक जगह साफ-सफ़ाई करते हुए लोग दिखाई दिए।ग्राम सभाओं में जनशिक्षक और सरकारी शिक्षकों ने भी अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई।साथ ही आज से सुवच्छता अभियान की भी शरुआत की गई।सोचने समझने वाली बात यह है कि,विशेष अफसरों पर किया जाने वाले सुवच्छता कार्यक्रम को अगर हम हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बना लें तो,निश्चित रूप से ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगें।और सुवच्छ भारत और सुवस्थय भारत की कल्पना भी साकार होगी।और देश भर में सुवच्छता के लिए किये जाने वाले प्रयास भी सफल होंगे।

शनिवार, 1 अक्टूबर 2016

ग्राम सभाएँ आयोजित होंगी.....

 
                मध्य प्रदेश में सुवच्छता की तरफ कुछ अधिक ही ध्यान दिया जा रहा है। 2 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक सुवच्छता पखवाड़ा मनाये जाने की योजना है।इस सम्बन्ध में राज्य सरकार ने आदेश भी जारी कर दिए हैं।विकासखण्ड स्तर पर भी सुवच्छता अभियान के सफल आयोजन की पूरी तैयारी की गई है।सम्बंधितों की ड्यूटी लगाई गई है।नोडल अधिकारी बनाये गए है।ग्राम सभाएं आयोजित की जाना है।जिसके माध्यम से शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी आम जनता को दी जायेगी।इस पखवाड़े में सरकारी स्कूलों पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की योजना है।स्कूलों की साफ सफाई पेंटिंग आदि किये जाने के निर्देश हैं।छात्र,छात्राओं को निबन्ध,रंगोली आदि प्रतियोगिताओं के माध्यम से सुवच्छता का महत्व समझाया जायेगा।ग्रामों की भी सुवच्छता पर ध्यान केंद्रित किये जाने की योजना है।वास्तव मे सरकार का ये अच्छा प्रयास है।पर देखने वाली बात ये है कि,इस सुवच्छता पखवाड़े में ज़मीनी स्तर पर शासन की मनशा अनुसार कार्य हो पाते हैं अथवा नही? सुवच्छता पखवाड़े को लेकर आम-जन में तो उत्साह है,अब ये उत्साह ही शायद लोगों को सुवच्छ रहने और सुवच्छ ग्राम की कल्पना को साकार करने के काम आएगा।गौरतलब बात ये है कि,पिछले कुछ समय से हमारे देश में सुवच्छता को बहुत अधिक महत्व दिया जाने लगा है।सुवच्छता का ये महत्व ही लोगों को सुवच्छ रहने के लिए प्रेरित कर रहा है।देश के विकास के लिए,यह महत्वपूर्ण भी है।

शुक्रवार, 30 सितंबर 2016

सुवच्छता पखवाड़ा.....


                आज जनपद पंचायत सिरोंज में वी.सी. आयोजित की जा रही है जिसमें सम्बंधित अधिकारी कर्मचारी सम्मिलित है।शासन वी.सी.के माध्यम से अपने विभागों के कार्यों और योजनाओं की समीक्षा करने लगा है,जिससे कम समय में अधिक लोगों से चर्चा हो जाती है जनता में भी यह लोकप्रिय है।इस बैठक में जनपद शिक्षा केंद्र का अमला भी सम्मिलित है।



         बैठक में सम्बंधितों को आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं।जिसमें 2 अक्टूबर से सुवच्छता पखवाड़ा मनाये जाने के भी निर्देश हैं

तनाव.....भी एक मुद्दा है क्या ?


                 आज की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में व्यक्ति के पास अपने और अपने परिवार तक के लिए समय नही है।आज कल के समाजिक रिशते भी व्यक्ति नही निभा पाता है।लगभग हर व्यक्ति ने तनाव में रहने की आदत बना ली है।किसी को काम की अधिकता होने से तनाव है,और किसी को काम नही होने से तनाव है।हम हमारे आस पास नज़रें दौड़ाकर देख़ें तो,हमें अनेक लोग ऐसे मिल जायेगें जो तनाव में रहने के आदि हो चुके हैं।फिर भी ऐसे लोगों की कमी नही है जो दूसरों को खुशी देकर खुश होते हैं।ऐसे लोग भी बहुत हैं जो अपने दुख से ज़्यादा दूसरे के दुखों से दुखी हैं।कुछ लोग कहते हैं ये आधुनिकता, ये अविष्कार,ये सब सहूलियतें बेकार है।पूर्व में लोगों को एक दूसरे से बात चीत करने का समय होता था।अपने सुख दुख अपनों से बांट कर व्यक्ति खुशी-खुशी अपना जीवन गुज़ार देता था।उस माहोल में व्यक्ति कभी तनाव में नही रहता था।तनाव की खास वजह व्यक्ति की आशाएं आवश्यकता से अधिक होना भी है।जब व्यक्ति सन्तुष्ट होकर जीना सीख लेता है तो,उसे कभी निराशा और तनाव का सामना नही करना पड़ता है।कुछ जानकार मानते हैं कि,व्यक्ति कभी कभी किसी विशेष पद पर बने रहने से भी तनाव में रहता है,उसको डर रहता है कि,उसका पद चला न जाये।और ये ही तनाव का कारण बन जाता है।खैर बात जो भी हो हमें अपना जीवन सन्तुष्ट होकर व्यतीत करना चाहिए।आवश्यकता पड़ने पर अन्य व्यक्तियों का सहयोग भी करना चाहिए।हमें हर वोह कार्य करना चाहिए,जिससे हमारी आत्मा प्रसन्न रहे।तनाव को भगाने का सबसे बेहतर उपाय है छोटी-छोटी खुशियां एन्जॉय करना चाहिए।दूसरे की मदद करके भी हमें सुकून और तनाव मुक्त जीवन जीने का होसला मिलता है।आप क्या सोचते हैं कि क्या इस दुनिया में तनाव से पीड़ित कोई नही है या तनाव भी एक ऐसा मुद्दा है जिस पर बात करने की गुंजाइश है......जो भी हो आप अपने विचार और अनुभव तनाव के सम्बन्ध में ज़रूर साझा कीजियेगा।

गुरुवार, 29 सितंबर 2016

नवीन जनशिक्षक प्रतिनियुक्ति.....


               नवीन जनशिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की प्रकिर्या प्रारम्भ हो रही है।ज़िले से इस सम्बन्ध में काउंसलिंग किये जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं
विदिशा ज़िले में 4 अक्टूबर एवं 5 अक्टूबर की तारीख काउंसलिंग हेतु निश्चित की गई है।
गौरतलब बात ये है कि जनपद शिक्षा केंद्र का पूरा का  पूरा अमला ही प्रति नियुक्ति पर कार्यरत है।लगभग चार वर्ष पूर्व जनशिक्षक और बी ए सी के पदों पर प्रतिनियुक्ति की गई थी।अब इन कर्मचारीयों की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो चुकी है।वर्ष भर पूर्व से नवीन प्रतिनियुक्ति की प्रकिर्या चल रही थी।बीच में कुछ अध्यापक कोर्ट चले गए थे।तथा अन्य कारणों से ये प्रतिनियुक्ति नही हो पाई थी।जनशिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की प्रकिर्या चर्चा का विषय बनी हुई है।वर्तमान जनशिक्षक असमंजस मे हैं कि उनका क्या होगा ?उनको उनकी मूल संस्था में भेजा जायेगा या उनकी भी काउंसलिंग की जायेगी? जो भी हो, वर्तमान को अपने कार्य मुक्ति आदेश का इंतेज़ार है, वहीं नवीन संभावितों को काउंसलिंग का।
अब देखना ये है कि नवीन जनशिक्षकों को काउंसलिंग उपरान्त आदेश कितने समय में मिलते हैं।

आज से नि:शुल्क प्रवेश प्रारम्भ.....


                        आज से अशासकीय स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश का दूसरा चरण प्रारम्भ हो गया है।शिक्षा के अधिकार क़ानून के तहत अब निजी स्कूलों में भी बच्चे फ्री में पड़ सकते हैं।पूर्व में नि:शुल्क प्रवेश शाला स्तर पर किये जाते थे।किन्तु इस वर्ष से शासन ने ये प्रक्रिया ऑन लाईन कर दी है।अब पालक अपने बच्चे का ऑन लाईन आवेदन करने के बाद जनपद शिक्षा केंद्र में नोडल अधिकारी से सत्यापन कराकर अपने बच्चे का निजी स्कूलों में प्रवेश करा सकेंगे।
आप जानते ही हैं कि नि:शुल्क प्रवेश के प्रथम चरण में अनेक बच्चे एडमिशन नही ले पाये थे।सभी पालकों को  इस चरण का इंतेज़ार था।अब ज़रूरत है समय पर ऑन लाईन आवेदन और नोडल सत्यापन की।सभी पालक जो निजी स्कूल में नि:शुल्क प्रवेश अपने बच्चों को दिलवाना चाहते हैं।उन्हें समय पर अपना काम कर लेना चाहिए।

बुधवार, 28 सितंबर 2016

शिक्षा समिति की बैठक......


             जनपद पंचायत सिरोंज में शिक्षा समिति की बैठक का आयोजन हुआ।जिसमें विकासखण्ड के अधिकारी,कर्मचारी विभाग प्रमुख सम्मिलित हुए।जनपद पंचायत की इस बैठक जनपद शिक्षा केंद्र का अमला भी सम्मिलित हुआ।


              गौरतलब बात यह है कि जनपंचायत की बैठक में शिक्षा विभाग की योजनाओं की विशेष तोर से समीक्षा की जाती है।ज़्यादातर शिकायतें मध्यान्ह भोजन में संलग्न समूह से सम्बंधित होती है।देखना ये है कि इस बैठक में दिए गए सुझावों और निर्देशों का कितनी कड़ाई से पालन किया जाता है।

मंगलवार, 27 सितंबर 2016

उत्कृष्ट में बैठक....


            विकासखण्ड सिरोंज के उत्कृष्ट विधालय में आज ज़िला शिक्षा अधिकारी बैठक लेते हुए।चित्र में दिखाई दे रहे हैं।बैठक में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री ओ.पी. विश्वकर्मा,विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक निखलेश कुमार श्रीवास्तव सहित समस्त प्राचार्य और जनशिक्षक बैठक में सम्मिलित हुए।बच्चों की मेपिंग को ले कर ज़िला शिक्षा अधिकारी नाराज़ हुए।उनका कहना था कि मेपिंग के कार्य में विकासखण्ड की स्तिथि ठीक नही है।30 सितम्बर तक पोर्टल पर छात्र प्रोफ़ाइल का काम पूरा करने के निर्देश ज़िला शिक्षा अधिकारी ने दिए।


              देखने वाली बात यह है कि प्रत्येक वर्ष बच्चों की जानकारी पोर्टल पर फीड होती है किन्तु अभी तक बहुत से बच्चों की समग्र आईडी नही होने से भी प्रत्येक वर्ष मेपिंग का कार्य पिछड़ता है।खेर अब ये देखने लायक होगा कि ज़िला शिक्षा अधिकारी की बैठक के बाद कार्य में तेज़ी आती है अथवा नही।

सोमवार, 26 सितंबर 2016

अध्यापकों के क़दमों से रोशन ज़िले की सड़कें...


                विगत दिवस ज़िला स्तर पर समस्त मध्य प्रदेश में अध्यापकों ने अपनी मांगो को मनवाने के लिए सफल आंदोलन किया।इस आंदोलन में समस्त ज़िलों में अध्यापकों ने बड़ चढ़ कर हिस्सा लिया।जिसका परिणाम है कि आज अखबारों के पेज आंदोलन से सम्बंधित खबरों से पटे पड़े हैं।सोशल साईट पर अनेकों तस्वीरें बिखरीं पड़ी हैं। facebook,whatsapp,twitter,google,पर अध्यापक ही अध्यापक नज़र आ रहे हैं 



                      अध्यापकों का उत्साह देखने लायक था।सम्पूर्ण मध्य प्रदेश की ज़िले की सड़कें अध्यापकों के क़दमों से रोशन थीं।महिला अध्यापकों ने भी इस आंदोलन में बड़ चढ़ कर हिस्सा लिया।कुछ जगह तो बारिश का मौसम भी अध्यापकों का उत्साह कम नही कर पाया।अध्यापक इस सफल आंदोलन से प्रसन्न हैं।किन्तु चिन्ता का विषय ये है कि सरकार की तरफ से अभी  तक अध्यापकों को कोई सकारात्मक संकेत नही मिले हैं।हो सकता है सरकार आंदोलन से खुश न हो।सरकार बात चीत से ही अध्यापकों के मुद्दे हल करना चाहती हो ? बात जो भी हो अध्यापकों का बार बार सड़कों पर उतरना उचित नही है।सरकार को चाहिए कि अध्यापकों की मांगो पर विचार करे।

मुण्डराघाट का निरीक्षण....


             शिक्षा विभाग में जैसे निरीक्षणों का दौर निकल चला है।जनशिक्षक भी लगातार स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं।शालों की सतत मॉनिटरिंग की जा रही है ।विकासखण्ड अकादमिक समन्वयक निखलेश कुमार श्रीवास्तव भी सरकारी स्कूलों का सतत निरीक्षण करने के लिए जाने जाते हैं।इसी क्रम में बी आर सी निखलेश कुमार श्रीवास्तव ने आज प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला मुण्डराघाट का निरीक्षण किया।शाला संचालन में सुधार हेतु सम्बंधित शाला प्रभारी को निर्देश दिए।सरकारी महकमे की सक्रियता से शिक्षा के स्तर में कुछ न कुछ सुधार होने के संकेत हैं

रविवार, 25 सितंबर 2016

ज़िले की सड़कों पर अध्यापक....


              अध्यापक समान कार्य और समान वेतन की अपनी प्रमुख मांग को शासन से मनवाने के लिए ज़िला स्तर पर आंदोलन कर रहे हैं।चित्र में सिरोंज के अनेक अध्यापक दिखाई दे रहे हैं।आज सुबह तड़के सिरोंज के अध्यापक ज़िले में आंदोलन में सम्मिलित होने के लिए अपने निजी वाहन से रवाना हुए।



          गौरतलब बात यह है कि अध्यापक ज़िले की इस रैली की तैयारी बहुत दिन से कर रहे थे।जिसका परिणाम यह हुआ कि आज ज़िला स्तर की रैली में बड़ी संख्या में अध्यापक सम्मिलित हुए।आप जानते ही हैं कि मध्य प्रदेश में अध्यापक शिक्षा विभाग में संविलियन और समान कार्य और समान वेतन की मांग को ले कर आंदोलन कर रहे हैं किन्तु उनकी मांगों पर विचार नही किये जाने से अध्यापक फिर से आंदोलन की राह पकड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।उसी क्रम में आज मध्य प्रदेश के ज़िलों में,ज़िला स्तर पर अध्यापक आंदोलन कर के अपने आंदोलन की शुरुआत कर रहे हैं।अब देखना यह है कि ज़िला स्तर के इस आंदोलन का अध्यापकों की मांगों पर कोई प्रभाव पड़ता है अथवा नही ? अध्यापकों के तेवर तो यह बता रहे हैं कि यदि उनकी मांगों पर विचार नही किया गया तो,भाविष्य में उनका ये आंदोलन और भी बड़े स्तर पर हो सकता है।आज के आंदोलन में अध्यापकों की प्रशंसा की जानी चाहिए।उन्होंने आंदोलन के लिए रविवार का दिन चुना जिससे बच्चों की पढाई प्रभावित न हों....अब शासन को भी अध्यापकों की मांगों पर विचार कर उपयुक्त निर्णय लेना चाहिए।

जनशिक्षकों की सतत मॉनिटरिंग....


              सरकारी स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक व्यवस्था हेतु लगातार निरीक्षण किये जा रहे हैं।इसी क्रम में जनशिक्षक ओमकार सिंह रघुवंशी ने आज शासकीय माध्यमिक शाला कसबाताल का निरीक्षण किया तथा सम्बंधित शाला प्रभारी को आवशयक दिशा निर्देश भी दिए।

        इधर रतनबर्री जनशिक्षा केंद्र के अंतगर्त आने वाले स्कूलों में जनशिक्षक ज़ाहिद मोहम्मद और जनशिक्षक देवी सिंह राजपूत ने शालाओं का निरीक्षण किया।सम्बंधित जनशिक्षकों ने मध्यान्ह भोजन समूह को मीनू अनुसार भोजन वितरित करने के निर्देश दिए।
गौरतलब बात यह है कि शासन सरकारी स्कूलों में बच्चों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध करा रही है।किन्तु फिर भी सरकारी स्कूलों के बच्चों के शैक्षणिक स्तर में सुधार नही हो पा रहा है जो कि चिंता का विषय है।अब देखना यह है कि जनशिक्षकों के सतत मॉनिटरिंग से क्या कुछ सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगें

शनिवार, 24 सितंबर 2016

नशे ने बहुत तरक़्क़ी है....


                    आज की युवा पीढ़ी नशे की लत में मस्त है।इस आधुनिक युग में नशे ने भी बहुत तरक़्क़ी की है।आज का युवा परम्परागत नशे से तो बहुत दूर है।आप जानते ही है।पहले बीड़ी,सिगरेट और शराब आदि चीजें नशे का प्रमुख स्त्रोत हुआ करती थी।पर जैसे जैसे दुनिया ने तरक़्क़ी की है।नशे ने भी अपना रूप रंग बदला है।


                 आज के इस आधुनिक युग में युवा ड्रग्स,कोकीन,अफ़ीम आदि नशीली चीज़ों का सेवन करने में लगे हुए हैं।सामान्य तोर पर दवाई के तोर पर प्रयोग की जाने वाली कोरेक्स को आज का युवा नशे के रूप में उपयोग कर रहा है।यह वह युवा है जो पड़ा लिखा है।नशे के अच्छे बुरे प्रभाव को आप और हम से बेहतर समझता है।इस प्रकार के जगरुक नशेलची युवाओं को समझाना बहुत मुश्किल होता है।

            नशा मुक्त समाज के लिए ज़रूरी है कि शासन और समाज मिलकर नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ ज़रूरी उपाय खोजें।क्योंकि आज का युवा ही कल का भविष्य है।और हमारा ये नोजवान नशे के कारण खोखला और कमज़ोर हो रहा है।युवा नशे की लत के कारण धन दौलत के साथ ही अपना जीवन भी बर्बाद कर रहे हैं।सुखी सम्पन्न परीवार इन नशेलची युवाओं के कारण तबाह और बर्बाद हो रहे हैं।आप जानते ही हैं कि इस नशे की लत के कारण  युवा अपना सब कुछ खो देते हैं।फिर भी इनके पास नशा करने के लिए पैसे नही होते तो यह,चोरी,डकैती जैसे अपराधों में लिप्त हो जाते हैं।
समाज में एक धारणा बनी है कि यदि नशीली वस्तुओं पर सरकार प्रतिबन्ध लगा दे तो भी कुछ हद तक नशे पर कण्ट्रोल किया जा सकता है।बिहार जैसे कुछ उदाहरण हमारे सामने है जहां शराब पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है अब ये अलग विषय है कि,शराब पर प्रतिबन्ध लगाने से बिहार में शराब पीने वालों की संख्या बड़ी या घटी ? सभ्य समाज में नशे के लिए कोई स्थान नही है।लोगों का मानना है कि नशा अनेक बुराइयों की जड़ है।आधुनिक नशा तो और भी ज़्यादा खतरनाक है।आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि जो परिवार नशे की लत से दूर हैं वह सुखी सम्पन्न हैं।चिन्ता का विषय यह है कि गरीब तबक़ा भी इस नशे का आदि हो चुका है।कई घरों में परिवार का मुखिया जब शाम को नशा कर के घर आता है और दिन भर की मज़दूरी उसने अपने नशे में खर्च कर दी होती है।आप सोचिये विचार कीजिए ऐसे परिवारों के बच्चे क्या भूखे नही सोते होंगे ?
नशा भारतीय समाज में हमेशा से ही कमाऊ कूत विषय रहा है।इस विषय पर बनी फिल्में और गानों ने खूब कमाई की है।नशा शब्द ही हमेशा से बिकाऊ रहा है।पर हमें अपने समाज को जागरूक करने की ज़रूरत है।हमें हमारे नोनिहालों को नशे से दूर रखने के हर सम्भव प्रयास करना चाहिये।

ज़िला मुख्यालय पर करेंगे विरोध.....


                      ज़िला मुख्यालय पर अध्यापक अपनी मांगों को ले कर कल रैली निकालेंगे इसकी तैयारी का आज अंतिम दिन था।उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में अध्यापक लम्बे समय से शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग कर रहे हैं।आप जानते ही हैं कि मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों में कार्यरत अध्यापक काम तो शिक्षा विभाग में करते हैं किन्तु फिर भी शिक्षा विभाग के कर्मचारी नही कहलाते।लंबे समय से अध्यापक अपनी मांगो को ले कर आंदोलन करते आ रहे हैं।किन्तु शासन ने अभी तक अध्यापकों की मांगों पर गोर नही किया है।अब ऐसा लगता है कि अध्यापकों के सब्र का बांध टूट रहा है।अब अध्यापक नए सिरे से फिर से आंदोलन की तैयारी में हैं।इसी क्रम में रविवार को ज़िला मुख्यालय पर अध्यापक रैली निकालेंगे।आज अध्यापक तहसील स्तर से ज़िला मुख्यालय पर जाने के लिए निजी वाहनों की व्यवस्था करते हुए दिखाई दिये।ऐसा अनुमान है कि इस रैली में बड़ी संख्या में अध्यापक ज़िला मुख्यालय पर जा कर रैली में सम्मिलित होंगे।

शुक्रवार, 23 सितंबर 2016

अध्यापक स्ट्राइक डे......



                    अध्यापक संघर्ष समिति सिरोंज की आज महत्वपूर्ण बैठक रखी गई।जिसमें बड़ी संख्या में अध्यापक उपस्थित हुए।अध्यापक नेताओं ने बैठक को सम्बोधित किया और प्रस्तावित 25 सितम्बर को अध्यापकों की होने वाली रैली की तैयारियों की समीक्षा की।



                   ऐसा समझा जा रहा है कि अध्यापकों की सम्भावित रैली पर शासन भी नज़र रखे हुए है।रैली की सुगबुगाहट को देखते हुए सरकार की और से भी सकारात्मक संकेत देखने को मिल रहे हैं।वेतन विसंगतियों को भी दूर करने की बात हो रही है।ऐसा लगता है कि सरकार अध्यापकों से किये वादे को जल्द ही निभा सकती है,पर अध्यापक सरकार के इन संकेतो को शंका की निगाह से देख रहे हैं।इस सम्बन्ध में जब अध्यापकों से चर्चा हुई तो उनका कहना था कि,शासन उनकी प्रस्तावित रैली को रद्द कराना चाहती है।
अब असल बात जो भी हो हम आज की अध्यापक संघर्ष समिति की बैठक की बात कर रहे थे,जिसका सफल समापन हुआ।आगामी रैली को लेकर रणनीति पर सहमति बनी।रैली कितनी सफल होती है यह आम अध्यापकों की सहभागिता पर निर्भर करेगा....25 सितम्बतर नज़दीक है जल्द ही आपके हमारे सामने परिणाम होंगे।अभी यह लग रहा है कि,25 सितम्बर को strike sunday या adhyapak  strike day है शायद।आपको क्या लगता है लिखियेगा......